Importance of Holi and Coconut: होली का त्योहार (festival of Holi) बस एक दिन दूर है। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को पड़ने वाला होली (Holi 2025) त्यौहार भारत में बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। होली को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप (symbol of the victory of good over evil) में मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने मतभेद भूलकर एक साथ आते हैं। होली के दिन होलिका दहन (Holika Dahan) किया जाता है और अगले दिन धूलि वंदना पर रंग फेंककर होली खेली जाती है। इसी प्रकार, महाराष्ट्र के विभिन्न भागों में होली का त्यौहार मनाते समय कई रीति-रिवाजों और परंपराओं का पालन किया जाता है। इन्हीं में से एक है होली के दौरान नारियल फेंकने की प्रथा। वास्तव में, हममें से बहुत से लोग इसके बारे में नहीं जानते। हम यहाँ इस जानकारी को समझेंगे।
होली पर नारियल क्यों चढ़ाया जाता है?
होली के दौरान नारियल फेंकने की परंपरा है। लेकिन, बहुत से लोग यह नहीं जानते कि होली पर नारियल क्यों और किसलिए फेंके जाते हैं। नारियल की आंखें तीन तत्वों का प्रतीक मानी जाती हैं।
इसलिए पूजा में नारियल का विशेष महत्व है। नारियल को कामधेनु और नारियल के पेड़ को कल्पवृक्ष कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि होलिका दहन के दिन अग्नि में नारियल अर्पित करने से घर की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
इससे परिवार के सदस्यों पर कर्ज का बोझ कम करने में भी मदद मिलती है। यह भी माना जाता है कि होली की अग्नि में नारियल चढ़ाने से व्यक्ति और उसके परिवार के सभी सदस्यों को शुभ आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह भी माना जाता है कि होलिका दहन के दिन कपूर के साथ नारियल जलाने से आपके रुके हुए काम पूरे होने में मदद मिलती है।
होली पूजा का शुभ समय
इस वर्ष पंचांग के अनुसार पूजा का शुभ मुहूर्त 13 मार्च 2025 को रात्रि 11.26 बजे से 12.30 बजे तक है। इस दिन घर से एक नारियल लेकर आना चाहिए और पूरे घर में घुमाना चाहिए और होलिका दहन के समय अग्नि में अर्पित करना चाहिए।
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Wed, Mar 12 , 2025, 03:11 PM