मुंबई। पूरे देश में विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त अनगिनत मरीज हैं। कैंसर, हृदय रोग, पेट (Cancer, heart disease, stomach) से संबंधित रोग आदि कई बीमारियों के मरीज हैं। खराब जीवनशैली, काम का बढ़ता तनाव, अपर्याप्त नींद, आहार में लगातार बदलाव आदि कई चीजें स्वास्थ्य पर तत्काल प्रभाव डालती हैं। इसलिए, शुरुआती दौर में दिखने वाले लक्षणों को नजरअंदाज किए बिना शरीर में होने वाले बदलावों पर ध्यान देना जरूरी है। कई हृदय संबंधी समस्याओं को विकसित होने के बाद नजरअंदाज कर दिया जाता है। शरीर में हानिकारक कोलेस्ट्रॉल के बढ़ते स्तर या हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों को नजरअंदाज करना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
राज्य सरकार के अधीन आने वाला बायकुला स्थित जेजे अस्पताल (JJ Hospital) अपनी 180वीं वर्षगांठ मना रहा है। इसी क्रम में जेजे अस्पताल पिछले कई वर्षों से नई उपलब्धियां हासिल कर रहा है। इसी क्रम में, अस्पताल के कार्डियोवैस्कुलर थोरेसिक सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने एक 45 वर्षीय व्यक्ति का सफलतापूर्वक इलाज कर उसे नया जीवन दिया है। इस व्यक्ति को पहले भी स्ट्रोक के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान पता चला कि उन्हें हृदय ट्यूमर है।
ट्यूमर के कारण उसे दोबारा मस्तिष्क आघात या फेफड़ों में संक्रमण हो सकता था, लेकिन डॉक्टरों ने ओपन हार्ट सर्जरी (Heart Surgery) करके ट्यूमर को निकाल दिया और उस व्यक्ति को नया जीवन दिया। मलाड निवासी 45 वर्षीय वनेश पटेल (Vanesh Patel, 45 years old) को ब्रेन स्ट्रोक के इलाज के लिए जेजे अस्पताल के मेडिसिन विभाग में भर्ती कराया गया था। मस्तिष्क आघात के कारण शरीर के बाएं हिस्से में गंभीर कमजोरी आ गई थी। वनेश का रक्तचाप लगातार उच्च बना हुआ था, इसलिए इकोकार्डियोग्राम कराया गया। जांच में पता चला कि उसके हृदय के दाहिने हिस्से में ट्यूमर है।
इस बीच, स्ट्रोक के सफल उपचार के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई और फिर अस्पताल के ओपीडी स्तर पर उनके ट्यूमर की पुष्टि के लिए एमआरआई किया गया। एमआरआई स्कैन से हृदय में ट्यूमर का पता चला।
हृदय में ट्यूमर की आशंका के चलते वनेश इलाज के लिए दूसरे अस्पताल गए, लेकिन डॉक्टरों ने स्थिति गंभीर बताते हुए वनेश को जे.जे. अस्पताल वापस जाने की सलाह दी। वनेश इलाज के लिए जे.जे. अस्पताल लौट आया।
सीवीटीएस विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं यूनिट हेड डॉ. सूरज वासुदेव नागरे (Head Dr. Suraj Vasudev Nagare) ने वनेश की जांच की और उसे तुरंत सर्जरी कराने की सलाह दी। वनेश की सहमति के बाद अस्पताल के डीन डॉ. सूरज नागरे ने डॉ. अजय भंडारवार, अधीक्षक डॉ. संजय सुरासे और विभागाध्यक्ष डॉ. आशीष राजन भिवापुरकर की सहायता और सहयोग से उनके हृदय से ट्यूमर निकालने की सफल सर्जरी की गई। डॉक्टर ने बताया कि उनकी हालत फिलहाल स्थिर है।
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Mon, May 12 , 2025, 02:15 PM