भोपाल। परिवहन सचिव ने सड़क दुर्घटना पीड़ितों के लिए नकदी रहित उपचार योजना (Cashless treatment scheme) के क्रियान्वयन के लिए कलेक्टर्स को निर्देश दिये हैं। निर्देश में कहा गया है कि सड़क दुर्घटना पीड़ितों को नकदी रहित उपचार स्कीम के संबंध में उनके अधीनस्थ अधिकारी को यह जिम्मेदारी दी जाये। इसके साथ ही प्रकरणों की नियमित मॉनीटरिंग की जाये। संभाग के सभी कमिश्नर को इस व्यवस्था की नियमित मॉनीटरिंग किये जाने के लिये भी कहा गया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार सड़क सुरक्षा और दुर्घटनाओं को रोकने के लिये सर्वोच्च न्यायालय द्वारा समय-समय पर निर्देश दिये जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) कमेटी ऑन रोड सेफ्टी सम्पूर्ण देश में इसकी नियमित मॉनीटरिंग कर रही है। यह कमेटी विभिन्न राज्यों से रिपोर्ट प्राप्त कर सड़क सुरक्षा संबंधी विभिन्न योजनाओं और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी गाइड-लाइंस की समीक्षा कर सर्वोच्च न्यायालय में प्रतिवेदन प्रस्तुत करती है। प्रदेश स्तर पर मुख्य सचिव द्वारा लगातार बैठक कर इसकी समीक्षा की जा रही है।
केन्द्र सरकार ने स्कीम की अधिसूचना 5 मई और मार्गदर्शक सिद्धांत अधिसूचना 4 जून को जारी की है। इसके लिये यूजर मैनेजमेंट पोर्टल भी तैयार किया गया है। सड़क दुर्घटना प्रकरणों (Road accident cases) में जहाँ दोषी मोटरयान के पास वैध तृतीय पक्ष बीमा कवरेज था, उसका भुगतान केन्द्र सरकार द्वारा साधारण बीमा कंपनियों के सहयोग से किया जायेगा। जिन प्रकरणों में यह बीमा नहीं है, वहाँ भुगतान स्टेट हेल्थ एजेंसी (SHA) अस्पताल के दावे को मंजूरी दिये जाने के 10 दिनों की समयावधि में जिला कलेक्टर्स के अनुमोदन से जिला स्तर पर ही किया जायेगा।
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Tue, Jun 17 , 2025, 07:43 PM