पिछले कुछ दिनों से भारत और US (India and US) के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं। इस बीच, US ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए हैं और कहा है कि भारत ने US में चावल (Rice) डंप किया है। हालांकि, अब भारत ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। सरकार ने साफ कहा है कि भारत से US को एक्सपोर्ट होने वाले ज्यादातर चावल प्रीमियम (Premium rice) क्वालिटी के बासमती चावल (Basmati rice) होते हैं। यह चावल नॉर्मल (Rice normal) बासमती चावल से ज्यादा महंगा होता है। इसलिए, भारत द्वारा डंपिंग का आरोप पूरी तरह से गलत है। भारत ने कहा कि US ने अभी तक इस मामले में कोई फॉर्मल जांच शुरू नहीं की है। हालांकि, US ने इससे पहले ही अपनी बात साफ कर दी थी। भारत ने साफ किया कि डंपिंग की कोई पहली नजर में संभावना नहीं है।
भारतीय ट्रेड सेक्रेटरी राजेश अग्रवाल (Secretary Rajesh Agarwal) ने कहा कि भारत के चावल एक्सपोर्ट (Rice export) का नेचर अलग है। इसे मार्केट प्राइस से कम पर बेचने की कैटेगरी में नहीं रखा जा सकता। डंपिंग का मतलब है किसी प्रोडक्ट को उसके नॉर्मल प्राइस से कम कीमत पर एक्सपोर्ट करना। बासमती चावल अपनी खुशबू और क्वालिटी की वजह से इंटरनेशनल मार्केट में निश्चित रूप से ज्यादा कीमत का है। खासकर, बासमती चावल की बहुत ज़्यादा डिमांड है।
डोनाल्ड ट्रंप ने किसानों के साथ मीटिंग के दौरान भारत से एक्सपोर्ट होने वाले चावल पर ज़्यादा ड्यूटी लगाने का इशारा किया है। इस दौरान उन्होंने भारत पर चावल डंप करने का आरोप लगाया। भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल एक्सपोर्टर है। भारत हर साल US समेत कई देशों को बड़ी मात्रा में चावल एक्सपोर्ट करता है। US के कमेंट पर भारत ने साफ़ स्टैंड लिया है।
भारत ने कहा कि हमारे चावल का मार्केट प्राइस ज़्यादा है, तो हम इसे सस्ता क्यों बेचें। हालांकि, US ने अभी तक इस डंपिंग के आरोप पर कोई जांच कमेटी नहीं बनाई है। 2024-25 में भारत ने कुल 20.2 मिलियन मीट्रिक टन चावल एक्सपोर्ट किया। इसमें से करीब 3,35,000 टन चावल US को एक्सपोर्ट किया गया। जिसमें करीब 2,74,000 टन बासमती चावल शामिल था।



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Tue, Dec 16 , 2025, 10:33 AM