Momo Side Effects : रोज़ मोमो खाना 'इस' गंभीर बीमारी को बुलावा है! एक्सपर्ट्स बताते हैं इसके खतरनाक नतीजे

Tue, Nov 25 , 2025, 02:08 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

डॉ. अंजना कालिया के अनुसार, मोमो (Momo) भले ही हल्का दिखता हो, लेकिन इसमें कैलोरी, रिफाइंड कार्ब्स और अनहेल्दी फैट बहुत ज़्यादा होता है। खासकर मैदे से बने मोमो में न्यूट्रिशनल वैल्यू बहुत कम होती है और इनकी प्रोसेस्ड फिलिंग शरीर के लिए और भी ज़्यादा नुकसानदायक होती है।

मैदे को पचने में बहुत समय लगता है और इसमें फाइबर लगभग नहीं होता। इससे डाइजेशन धीमा हो जाता है और गैस, ब्लोटिंग और कब्ज जैसी बार-बार होने वाली समस्याएं हो सकती हैं। रोज़ मोमो खाने से डाइजेस्टिव सिस्टम पर बेवजह का स्ट्रेस पड़ता है।

रोज़ मोमो खाने से न्यूट्रिशनल इम्बैलेंस भी बढ़ता है। क्योंकि इसमें प्रोटीन, फाइबर और ज़रूरी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स बहुत कम होते हैं। ऐसे कम न्यूट्रिशन वाले खाने से शरीर को ज़रूरी न्यूट्रिएंट्स नहीं मिलते और सेहत धीरे-धीरे खराब हो सकती है।

BP और कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ता है: मोमो के साथ मिलने वाली रेड चिली सॉस में तेल, सोडियम और प्रिजर्वेटिव बहुत ज़्यादा होते हैं। यह दिल की सेहत और ब्लड प्रेशर के लिए नुकसानदायक है। बार-बार खाने से हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ जाता है।

मोटापे का खतरा बढ़ाता है: मोमोज में कैलोरी कम होती है, यानी बिना न्यूट्रिशन वाली कैलोरी। अगर रोज़ ज़्यादा कैलोरी शरीर में जाए, तो कुछ ही समय में वज़न बढ़ सकता है। भले ही हिस्से छोटे दिखें, लेकिन उनमें कैलोरी जमा हो जाती है और मोटापे का खतरा बढ़ जाता है।

डायबिटीज का खतरा बढ़ाता है: चूंकि मैदा एक रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट है, इसलिए यह शरीर में जल्दी शुगर में बदल जाता है। इससे ब्लड शुगर लेवल अचानक बढ़ता और गिरता है। यह लगातार बढ़ता और गिरता इंसुलिन सेंसिटिविटी को कम कर सकता है और टाइप-2 डायबिटीज का खतरा बढ़ा सकता है।

एसिडिटी का खतरा बढ़ाता है: कई लोगों को तीखी चटनी और मैदे के कॉम्बिनेशन से बार-बार एसिडिटी, सीने में जलन और पेट से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। रोज़ मोमोज खाने से ये दिक्कतें और गंभीर हो जाती हैं और उनकी ज़िंदगी पर असर डालने लगती हैं।

डॉ. कालिया कहते हैं कि स्टीम्ड मोमोज, फ्राइड मोमोज के मुकाबले ज़्यादा बेहतर होते हैं। क्योंकि इनमें तेल कम होता है। फिर भी, मैदे से बने स्टीम्ड मोमोज को रोज़ खाने से बचना चाहिए। इसकी जगह, कभी-कभी साबुत गेहूं, बाजरा या वेजिटेबल मोमोज एक हेल्दी ऑप्शन हो सकते हैं।

डिस्क्लेमर: इस खबर में दी गई जानकारी और हेल्थ से जुड़ी सलाह एक्सपर्ट्स से बातचीत पर आधारित है। यह आम जानकारी है, पर्सनल सलाह नहीं। इसलिए, किसी भी चीज़ का इस्तेमाल डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करें। इसके इस्तेमाल से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए ज़िम्मेदार नहीं होगा।

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