Doha Political Declaration: दोहा राजनीतिक घोषणापत्र सर्वसम्मति से स्वीकृत

Tue, Nov 04 , 2025, 08:20 PM

Source : Uni India

दोहा। कतर की राजधानी दोहा (Doha Political Declaration) में आयोजित द्वितीय (Sustainable Future) विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन (World Social Development Summit) में मंगलवार को अत्यधिक न्यायसंगत, समावेशी और टिकाऊ भविष्य के लिए दोहा राजनीतिक घोषणापत्र सर्वसम्मति से अपनाया गया। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने इस ऐतिहासिक संकल्प को 'विकास के लिए एक बूस्टर' और 'जनता की योजना' बताया। इस घोषणापत्र को सर्वसम्मति से अपनाकर दुनिया भर के देशों ने 30 साल पहले कोपेनहेगन में हुए पहले सामाजिक शिखर सम्मेलन में किए गए वादों को पूरा करने और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में तेज़ी लाने पर सहमति व्यक्त की।

यह घोषणापत्र आज की जटिल चुनौतियों का सामना करने के लिए 1995 की प्रतिबद्धताओं का विस्तार करता है और उसे अद्यतन भी बनाता है। यह गरीबी उन्मूलन और सामाजिक समावेशन की कार्रवाइयों को तीव्र करने का आह्वान करता है। इसके साथ ही यह महिलाओं और पुरूषों के लिये भेदभाव रहित समाज के निर्माण और सभी के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग करता है। इसमें स्वास्थ्य एवं शिक्षा तक सभी की समान पहुँच का आह्वान किया गया है और लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए ख़तरा पैदा करने वाली गलत सूचनाओं और अभद्र भाषा का मुकाबला करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है।

घोषणापत्र यह सुनिश्चित करता है कि युवा, वृद्ध, विकलांग व्यक्ति, आदिवासी और अन्य हाशिए पर रह रहे समूह अपने जीवन को प्रभावित करने वाली नीतियों को आकार देने में सार्थक रूप से शामिल हों। यह सुरक्षित और समावेशी डिजिटल परिवर्तन के महत्व का भी उल्लेख करता है। श्गुटेरेस ने कहा कि 1995 में कोपेनहेगन में हुई पहली सभा में यह स्वीकार किया गया था कि 'सच्चा विकास कुछ लोगों की समृद्धि के बारे में नहीं है, यह सभी के लिए अवसरों को उपलब्ध कराने के बारे में है'। उन्होंने तब से अब तक हुई प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि एक अरब से ज़्यादा लोग गरीबी से उबरे, बेरोज़गारी दर ऐतिहासिक रूप से कम हुई। स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा तक पहुँच बढ़ी। ये सब 2030 के एजेंडे के तहत किए गए वादों को पूरा करने के लिए किये गये वैश्विक समुदाय के प्रयासों के कारण हुआ।

श्री गुटेरेस ने हालांकि चेतावनी दी कि दुनिया अभी भी अनिश्चितता, विभाजन, संघर्ष और व्यापक मानवीय पीड़ा का सामना कर रही है। भुखमरी, गरीबी और विस्थापन अभी भी जारी है। जलवायु परिवर्तन की समस्या इसे और बढ़ा रही है। उन्होंने वैश्विक नेताओं से आग्रह किया कि सभी देशों को इन समस्याओं से लड़ने के लिए और गंभीर होने की जरूरत है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष एनालेना बैरबॉक ने वैश्विक नेताओं से एक ऐसे न्यायपूर्ण विश्व के निर्माण में 'अंतिम प्रयास' करने का आग्रह किया जहाँ 'कोई भी पीछे न छूटे'। सुश्री बैरबॉक कतर की राजधानी दोहा में 4 से 6 नवंबर तक आयोजित हो रहे द्वितीय विश्व सामाजिक विकास शिखर सम्मेलन को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने 1995 में हुए कोपेनहेगेन शिखर सम्मेलन को याद करते हुए कहा,"कोपेनहेगन ने हमें 30 साल पहले सिखाया था कि मज़बूत समाजों के लिए सामाजिक विकास और समावेशन ज़रूरी हैं। दोहा को सामाजिक अन्याय को समाप्त करना होगा और सभी के लिए सम्मान की गारंटी देनी होगी।" महासभा अध्यक्ष ने चेताया है कि केवल आर्थिक विकास ही सभी क्षेत्रों के लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए अपर्याप्त रहा है। सुश्री बैरबॉक ने इसलिए इस बात पर जोर दिया कि आर्थिक विकास के साथ-साथ सामाजिक न्याय और सामाजिक विकास निहायत जरूरी है।

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