पिता ने खुद पांडुरंग के आगे कभी सिर नहीं झुकाया, तो अपने बेटे से क्या उम्मीद की जा सकती है? वारकरी संप्रदाय की सुप्रिया सुले ने आलोचना की; किसने की आलोचना?

Sun, Aug 24 , 2025, 02:46 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

श्रावण कल समाप्त हो गया। कई लोगों ने एक महीने का उपवास रखा था। कई लोग श्रावण में मांस नहीं खाते। श्रावण समाप्त होते ही मांस को लेकर राजनीति फिर गरमा गई। शरद पवार (Sharad Pawar) गुट की सांसद सुप्रिया सुले (MP Supriya Sule) के मांसाहार पर दिए गए बयान ने बवाल मचा दिया है। "मेरा पांडुरंग मेरे लिए अच्छा है, आपको क्या परेशानी है?" उनके इस बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है। अब दोनों पक्षों ने इस पर हमला करना शुरू कर दिया है।

सुप्रिया सुले के बयान से विवाद

मैं रामकृष्ण हरि वाली हूँ। मैं माला नहीं पहनती, कभी-कभी खाती हूँ, सच बोलती हूँ, उनकी तरह झूठ नहीं बोलती और मेरा पांडुरंग मेरे लिए अच्छा है, आपको क्या परेशानी है, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार गुट की सांसद सुप्रिया ने पूछा। उनके इस बयान ने बवाल मचा दिया। भाजपा के आध्यात्मिक मोर्चे के प्रमुख तुषार भोसले ने कहा कि यह कहना मूर्खता है कि पांडुरंग को मांसाहारी भोजन करने की अनुमति है। भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि जनता को यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि आप क्या खाते हैं। विपक्ष ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि जनता को यह नहीं बताना चाहिए कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं।

वारकरों के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया

इस बीच, वारकरों ने सुप्रिया सुले के बयान को बेहद गंभीरता से लिया। आलंदी के एच.बी.पी. बालासाहेब महाराज खरात ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर पिता ने कभी पांडुरंग के आगे सिर नहीं झुकाया, तो वह अपनी बेटी से क्या उम्मीद कर सकते हैं। उन्हें इस बयान के लिए माफ़ी मांगनी चाहिए, अन्यथा वारकरी समुदाय उनके खिलाफ एक बड़ा आंदोलन खड़ा करेगा, एच.बी.पी. बालासाहेब महाराज खरात ने चेतावनी दी।

सुप्रिया सुले के बयान से वारकरी समुदाय में आक्रोश है। ऐसा बयान किसी समझदार व्यक्ति की निशानी नहीं है। वारकरी संप्रदाय ने सुप्रिया सुले के बयान की सार्वजनिक रूप से निंदा की। सुप्रिया सुले को राजनीति के स्थान पर राजनीति करनी चाहिए और वारकरी संप्रदाय का कहीं भी अपमान नहीं करना चाहिए। हबाप खरात महाराज ने कहा कि जिस पिता ने पांडुरंग के स्वर्णिम शीश को कभी छुआ तक नहीं, वह अपनी पुत्री से क्या अपेक्षा करेगा।

पृथ्वी सरोवर पर एक ही विट्ठल है, दो नहीं, इसलिए हम, वारकरी पैक संघ, सुप्रिया सुले के इस बयान का विरोध करते हैं और उन्हें अपना बयान वापस लेना चाहिए। खरात महाराज ने आशंका व्यक्त की कि सुप्रिया सुले के इस बयान के कारण विट्ठल का अंधाधुंध भक्षण हो रहा है।

वारकरी संप्रदाय ने लोगों को शराब और मांस से दूर रखने का प्रयास किया है। महाराज ने सुप्रिया सुले पर कहीं हड़ताल कराने का प्रयास करने का आरोप लगाया। भगवान विट्ठल सभी के पिता हैं। भगवान विट्ठल ने सभी जीवों की रचना की है। वह पिता, अर्थात् विट्ठल, उन्हें मारकर खाना कतई पसंद नहीं करेंगे। इसलिए उनका बयान निंदनीय है।

वारकरी के पांडुरंग की बलि देना संभव नहीं है, इसलिए कबीर महाराज ने प्रश्न उठाया कि सुप्रिया सुले के पांडुरंग कौन से दो पांडुरंग हैं और इस कथन की निंदा की। खराट महाराज ने कहा कि सुप्रिया सुले द्वारा दिया गया यह कथन कि वारकरी संप्रदाय संत के वचन 'अन्न खाय, खाय, बैरी रख' के अनुसार चलता है, को विकृत करके दिया गया है, निंदनीय है।

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups