मुंबई। महाराष्ट्र के मुम्बई की एक विशेष पीएमएलए अदालत (PMLA court) ने आज वसई-विरार नगर निगम (VVCMC) के पूर्व आयुक्त अनिल पवार, (Anil Pawar) नगर नियोजन के निलंबित उप निदेशक वाईएस रेड्डी, बिल्डर सीताराम गुप्ता और उनके भतीजे अरुण गुप्ता को सार्वजनिक उपयोग की भूमि को निजी अचल संपत्ति में बदलने में संलिप्तता के आरोप में 20 अगस्त तक प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। यह मामला पड़ोसी पालघर जिले में सार्वजनिक उपयोगिताओं के लिए आरक्षित 60 एकड़ सरकारी और निजी भूमि पर 41 इमारतों के अवैध निर्माण से जुड़ा था।
इन सभी को कल ईडी ने गिरफ्तार किया था और आज दोपहर कड़ी पुलिस सुरक्षा में अदालत में पेश किया गया। उन्हें पहले संयुक्त पूछताछ के लिए मुंबई स्थित केंद्रीय एजेंसी कार्यालय में बुलाया गया था। पिछले कुछ महीनों में एजेंसी ने उनके बयान दर्ज किए, तलाशी ली और उनकी कथित भूमिकाओं का विस्तृत विवरण तैयार किया। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को हुई पूछताछ से उनकी संलिप्तता साबित हुई जिसके बाद देर शाम उन्हें धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत हिरासत में ले लिया गया। ईडी के अनुसार इस नेटवर्क में वरिष्ठ नगर निगम अधिकारी, राजनीतिक हस्तियां और बिल्डर शामिल थे जिन्होंने कथित तौर पर सार्वजनिक उपयोग की भूमि को निजी अचल संपत्ति में बदलने की साजिश रची।
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Thu, Aug 14 , 2025, 10:06 PM