Bollywood films: प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य पिछले कुछ दिनों से चर्चा में हैं। अब उन्होंने बॉलीवुड की कड़ी आलोचना की है। अनिरुद्धाचार्य ने बॉलीवुड की तुलना 'ब्रिटिश शासन' से की है। उन्होंने बॉलीवुड फिल्मों पर भारतीय संस्कृति का अपमान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने रणवीर सिंह (Ranveer Singh) और अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में।
बॉलीवुड ने देश को बर्बाद कर दिया है
अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) ने बॉलीवुड पर गंभीर आरोप लगाए हैं। फिल्मों में दुल्हनों और लड़कियों को ऐसे कपड़ों में दिखाया जा रहा है, जो समाज के लिए अच्छा नहीं है। इसका लड़कियों पर बुरा असर पड़ रहा है। अब समाज में कई लड़कियां ऐसे कपड़े पहनने पर ज़ोर दे रही हैं। यह सिर्फ़ महिलाओं की बात नहीं है, पुरुषों ने भी नग्नता फैलाने का काम किया है। हमारी संस्कृति में सिर्फ़ महिलाओं को ही नहीं, पुरुषों को भी अच्छे कपड़े पहनने चाहिए।
अभिनेता रणवीर सिंह के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, 'एक सभ्य समाज में, इतना पैसा, इतना स्टार और इतनी शोहरत वाला व्यक्ति नग्न तस्वीरें लेता है, यह सभ्य समाज के लिए ठीक नहीं है। समाज के लोगों को उनके नग्न होने का विरोध करना चाहिए। मैंने इस नग्नता को समाज के सामने लाया। जब मैंने नग्नता का विरोध किया, तो अब दूसरे लोग आगे आकर इस पर टिप्पणी कर रहे हैं।'
अमिताभ बच्चन ने किया गुमराह
अनिरुद्धाचार्य ने अमिताभ बच्चन पर भी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, 'अमिताभ बच्चन ने एक गाना गाया था कि अगर जीना ज़रूरी है, तो पीना भी ज़रूरी है। माना जी कसूर हुआ... मैं नशे में चूर हुआ। मुझे घर में न लाना... बच्चन ने ऐसा कहा है। इसलिए, बच्चन साहब अपने बेटे को बचपन से ही चम्मच से शराब पिलाते रहे होंगे।'
आगे बोलते हुए अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि लोग सोचते हैं कि अगर बच्चन साहब शराब पीते हैं, तो हम क्यों न पिएँ। कई लोग कहेंगे कि बच्चन साहब इतने बड़े सुपरस्टार हैं, पूरी दुनिया उनके पीछे पड़ी है, वो शराब पी सकते हैं, तो हम क्यों न पीएँ? अगर समाज बच्चन की फ़िल्में देखकर शराब पीने लगे, तो क्या इसके लिए बच्चन ज़िम्मेदार हैं या नहीं? उन्होंने यह सवाल भी उठाया है।
अश्लील फ़िल्मों पर प्रतिबंध लगाएँ
अनिरुद्धाचार्य ने आगे कहा, 'अश्लील फ़िल्मों पर प्रतिबंध लगना चाहिए। अब आपने एक गाना सुना होगा... नीला है पानी पानी। महिलाओं को अर्धनग्न अवस्था में खड़ा किया जाता है। अगर छोटे बच्चे इसे देखेंगे तो उन्हें क्या शिक्षा मिलेगी? जिन महिलाओं को हमने मर्यादा में रहना सिखाया है, अगर वो अर्धनग्न अवस्था में घूम रही हैं, तो यह ठीक नहीं है। क्योंकि हम एक सभ्य समाज में रहते हैं।'
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Sun, Aug 10 , 2025, 10:05 PM