Mahayuti Government Cabinet: राज्य में महायुति सरकार (Mahayuti government) में शामिल तीनों दलों भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के बीच मतभेद समय-समय पर सामने आते रहते हैं। मंत्रियों के कार्यालयों में निजी सहायकों (पीए) और ओएसडी की नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Chief Minister Devendra Fadnavis) द्वारा अपनाए गए सख्त रुख को लेकर महायुति में कुछ नाराजगी है। इसी तरह अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंत्रियों के निजी सचिवों को उनके मूल विभागों में लौटने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय (Chief Minister's Office) ने संबंधित निजी सहायकों को मौखिक रूप से ये आदेश पहले ही दे दिए थे। हालांकि, मंत्रियों और उनके पीए ने इस पर आंख मूंद ली थी। हालांकि, अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने मंत्रियों के निजी सहायकों को तत्काल उनके मूल विभागों में लौटने का आदेश दिया है। इससे महायुति सरकार के मंत्रियों का डर बढ़ गया है।
इससे पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महायुति सरकार (Mahayuti government) के सात मंत्रियों को ओएसडी और पीए के पद पर नियुक्त करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। यह मामला काफी दिनों से लंबित था। हालांकि, अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यालय ने एक मंत्री के पीए के रूप में काम कर रहे सरकारी अधिकारियों को अपने मूल विभागों में वापस जाने का आदेश दिया है। अगर यह आदेश मिलने के बाद भी वे अपने मूल विभागों में उपस्थित नहीं होते हैं, तो संबंधित सरकारी अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। इस आदेश से महायुति के मंत्रियों में हड़कंप मच गया है। निजी सहायक और ओएसडी मंत्रियों के बेहद करीबी और भरोसेमंद होते हैं। इसलिए इन पदों के लिए अधिकारियों का चयन करते समय मंत्री इस बात पर जोर देते हैं कि उनकी पसंद के अधिकारियों को नियुक्त किया जाए।
हालांकि, देवेंद्र फडणवीस इस बात पर जोर देते हैं कि पीए और ओएसडी की नियुक्ति करते समय उनका चरित्र बेदाग होना चाहिए। साथ ही, कुछ अधिकारी कई वर्षों से एक ही विभाग में सचिव के रूप में काम कर रहे हैं। इससे उनका एकाधिकार बन सकता है और भ्रष्टाचार का खतरा हो सकता है। इसके चलते देवेंद्र फडणवीस ने वर्षों से एक ही मंत्री के सचिव के तौर पर काम कर रहे अफसरों को तत्काल अपने मूल विभागों में वापस लौटने का आदेश दिया। इस मामले में अब देवेंद्र फडणवीस ने और भी कड़ा रुख अपनाया है। सूत्रों के मुताबिक देवेंद्र फडणवीस के आदेश से नाखुश सात मंत्रियों में से पांच शिंदे गुट के हैं। इनमें संजय राठौड़, गुलाबराव पाटिल, उदय सामंत और शंभूराज देसाई शामिल हैं।
जबकि एनसीपी के दो और बीजेपी के एक मंत्री शामिल हैं। बीजेपी के मंत्री भी अपने निजी सचिव के तौर पर किसी करीबी सरकारी अधिकारी को चाहते हैं। लेकिन देवेंद्र फडणवीस की वजह से बीजेपी के मंत्रियों ने चुप्पी साध रखी है। अपने निजी सचिवों को नोटिस मिलने के बाद मंत्रियों ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बंगलों के चक्कर लगाने शुरू कर दिए हैं। अगर आदेश मिलने के बाद भी निजी सचिव अपने मूल विभागों में अवैध तरीके से काम करते रहे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। इसका खामियाजा आज की कैबिनेट बैठक में देखने को मिल सकता है। इसलिए सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस क्या भूमिका निभाते हैं।
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Tue, Jun 24 , 2025, 04:06 PM