What Is Prostate Cancer: आजकल, न केवल 60 वर्ष से अधिक आयु के पुरुष, बल्कि चालीस वर्ष की आयु के पुरुष भी प्रोस्टेट कैंसर (Prostate cancer) से पीड़ित पाए जा रहे हैं। समय पर निदान, उपचार और प्रबंधन से इस कैंसर पर काबू पाया जा सकता है। प्रोस्टेट कैंसर दुनिया भर (Prostate cancer worldwide) में पुरुषों में दूसरा सबसे आम कैंसर और कैंसर से होने वाली मृत्यु का छठा प्रमुख कारण है। अनुमान है कि प्रोस्टेट कैंसर से पीड़ित पुरुषों की संख्या 2040 तक दोगुनी हो जाएगी। यह डेटा बताता है कि वार्षिक प्रोस्टेट मामले 2020 में 1.4 मिलियन से बढ़कर 2040 में 2.9 मिलियन हो जाने का अनुमान है।
मुंबई के मेडिकवार अस्पताल में मूत्र रोग विशेषज्ञ और प्रत्यारोपण सर्जन डॉ. विकास का कहना है कि भारत में हर एक लाख पुरुषों में से नौ को प्रोस्टेट कैंसर है और यह संख्या हर साल बढ़ रही है। देश में प्रोस्टेट कैंसर की दर चिंताजनक दर से बढ़ रही है। इसके लिए प्रोस्टेट स्पेसिफिक एंटीजन (Prostate Specific Antigen) नामक रक्त परीक्षण किया जाता है। इससे पीएसए स्तर की माप होती है और प्रोस्टेट कैंसर का शीघ्र पता लगाने में मदद मिलती है। डिजिटल रेक्टल जांच (digital rectal examination) से उपचार शीघ्र शुरू किया जा सकता है।
विशेषज्ञों द्वारा किये गए अध्ययनों के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 33,000 से 42,000 नए मामले सामने आते हैं। इसके लिए समय पर रोकथाम, नियमित जांच और शीघ्र उपचार की आवश्यकता होती है। प्रोस्टेट मूत्राशय के ठीक नीचे स्थित होता है, जो लगभग अखरोट के आकार का होता है, और मूत्रमार्ग से जुड़ा होता है। इस कैंसर के जोखिम कारकों में उम्र, आनुवंशिकी और आहार शामिल हैं। अत्यधिक वसा और मांस से भरपूर आहार, धूम्रपान और मोटापा सभी प्रोस्टेट कैंसर से जुड़े हैं। लक्षणों में बार-बार पेशाब आना, मूत्र और वीर्य में रक्त आना और पेशाब के दौरान जलन होना शामिल है। इसलिए, प्रोस्टेट कैंसर की समय पर जांच से रोगी के परिणामों में सुधार करने में मदद मिलेगी।
प्रोस्टेट कैंसर की जांच-
प्रोस्टेट कैंसर की जांच प्रोस्टेट विशिष्ट एंटीजन (पीएसए) परीक्षण और डिजिटल रेक्टल परीक्षा (डीआरई) परीक्षणों का उपयोग करके की जाती है। रक्त में स्तर की जांच के लिए प्रोस्टेट-विशिष्ट एंटीजन (पीएसए) परीक्षण किया जाता है। प्रोस्टेट कैंसर की जांच मूत्र रोग विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार करानी चाहिए। डिजिटल रेक्टल परीक्षा (डीआरई) एक चिकित्सा परीक्षण है जो आपके मलाशय, गुदा और प्रोस्टेट ग्रंथि में असामान्यताओं का पता लगाने में मदद करता है। अन्य महत्वपूर्ण परीक्षणों में बायोप्सी, ट्रांसरेक्टल अल्ट्रासाउंड (टीआरयूएस), एमआरआई, बोन स्कैन और पीईटी स्कैन शामिल हैं।
इलाज-
इस कैंसर में रेडिकल प्रोस्टेटेक्टॉमी (कट्टरपंथी प्रोस्टेटेक्टॉमी) की जाती है, जो प्रोस्टेट ग्रंथि और उसके आसपास की ग्रंथियों को हटाने के लिए की जाती है। इसके अलावा, रोगी को विकिरण चिकित्सा, कीमोथेरेपी या हार्मोनल थेरेपी की सलाह दी जाती है। प्रोस्टेट कैंसर का समय पर पता लगाना समय की मांग है। विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार नियमित स्वास्थ्य जांच और फॉलो-अप करवाएं। जिस तरह आप अपने हृदय और श्वसन स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं, उसी तरह बिना किसी देरी के अपने प्रोस्टेट स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेना भी आवश्यक है।
इसके अलावा, व्यक्ति को स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, धूम्रपान और शराब की लत छोड़ने जैसे निवारक उपाय अपनाने चाहिए। पीएसए और डीआरई परीक्षण साल में एक बार और पचास वर्ष की आयु के बाद अवश्य कराना चाहिए तथा यदि पारिवारिक इतिहास रहा हो तो विशेषज्ञ की सलाह से समय पर जांच अवश्य करानी चाहिए। मूत्र पथ की समस्याओं को नजरअंदाज न करें और उचित प्रबंधन के लिए मूत्र रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें।
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Tue, Dec 17 , 2024, 09:56 PM