ठाणे: ‘तुम्हारा हिंदुत्व सिर्फ माला जपने के लिए है क्या? ऐक्शन में तो कुछ दिखता नहीं. राज्य भर में मेरे 17 हजार एमएनएस कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज हुए (ठाकरे सरकार के दौरान मस्जिदों से चोंगा उतारने का आंदोलन). क्या हुआ आगे? मुख्यमंत्री पद छोड़ के जाना पड़ा ना. इसलिए कहता हूं मेरे रास्ते के बीच में मत आना.’ गुरुवार (9 मार्च) को राज ठाकरे ने इस शब्दों में ठाणे में एमएनएस के 17 वें फाउंडेशन डे के मौके पर आयोजित की गई सभा में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) का नाम लिए बिना उन्हें निशाने पर लिया.
आगे राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को भी आड़े हाथों लिया. सिंह ने उनके अयोध्या दौरे का यह कह कर विरोध किया था कि वे जब तक 2008 में उत्तर भारतीयों के खिलाफ हुई हिंसा के लिए माफी नहीं मांगेंगे वे उन्हें अयोध्या में कदम नहीं रखने देंगे. इसके बाद राज ठाकरे ने अपना अयोध्या दौरा रद्द कर दिया था. लेकिन आज इस पर राज ठाकरे ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘मेरा अयोध्या दौरा होने वाला था. विरोध करने वाला कौन, हिंदुत्ववादी. मुझे अंदर की राजनीति समझ आ गई, इसलिए मैं नहीं गया. लेकिन जिसने यह राजनीति की उसका आगे क्या हुआ?’
‘पाकिस्तान कलाकारों के देश से बाहर हमने भगाया बाकी हिंदुत्ववादी कहां थे?’
ठाणे के गडकरी रंगायथन हॉल में दिए गए अपने भाषण में राज ठाकरे ने आगे कहा, ‘पाकिस्तानी कलाकारों को देश से बाहर निकालने का काम एमएनएस ने किया. बाकी के हिंदुत्ववादी लोग कहां थे तब? चिंतन! लेकिन बड़े दावे से सब बोलते हैं कि हम हिंदुत्व को मानते हैं. मानते हैं मतलब इसके लिए क्या करते हैं?’
‘BJP को भी राज ठाकरे का इशारा- कांग्रेस की हालत पर नजर फेर लो दोबारा’
‘ भले ही राज ठाकरे आज बीजेपी के समर्थन में खड़े हैं. लेकिन वे बीजेपी को भी नसीहत दिए बिना नहीं रहे. उन्होंने कहा, ’65 साल की सत्ता के बाद आज कांग्रेस की हालत क्या है? इसलिए आज ज्वार है तो कल भाटा भी आएगा, बीजेपी को यह ध्यान रहे. हर पार्टी में उतार और चढ़ाव आते हैं.’ इसके बाद राज ठाकरे ने अपने कार्यकर्ताओं की ओर देखकर कहा कि अपना टाइम आएगा. हम सत्ता से दूर नहीं रहेंगे बीएमसी के चुनाव में हम सत्ता में होंगे.
महापालिका का चुनाव जब भी आएगा, अपना टाइम आएगा…
राज ठाकरे ने कहा, ‘जनता आज की राजनीति का यह तमाशा देख-देख कर तंग आ चुकी है. मैंने अपनी जिंदगी में इतनी घटिया राजनीति नहीं देखी. भाषा का स्तर क्या हो गया है? महानगरपालिकाओं के चुनाव कब होंगे, पता नहीं. ऐसा लगता है कि दो सालों से दसवीं की परीक्षा में फेल हो रहे हैं. किसी से पूछो, क्या लगता है कब होगा महापालिका चुनाव? जवाब मिलता है मार्च. मार्च गया कि फिर कहा जाता है अक्टूबर . अक्टूबर गया कि फिर मार्च…लेकिन जब भी महानगरपालिका का चुनाव हुआ तो एमएनएस सत्ता में आएगी मतलब आएगी ही…बहुमत हासिल करने में बीजेपी को 1952 के जनसंघ के दौर से 2014 तक इंतजार करना पड़ा. लेकिन एमएनएस को इतना वक्त नहीं लगेगा. मैं सिर्फ उम्मीद नहीं जता रहा हूं. मुझे मालूम है यह.’
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Thu, Mar 09 , 2023, 10:22 AM