Ram Sutar Passes Away : राम सुतार नहीं रहे, भारत और विश्व कला जगत में बड़ा नुकसान

Thu, Dec 18 , 2025, 12:50 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

दिल्ली/मुंबई. Ram Sutar Passes Away: महाराष्ट्र और देश का नाम दुनिया भर में रोशन करने वाले सीनियर मूर्तिकार राम सुतार (Ram Sutar) का आधी रात को दुखद निधन (Tragic death) हो गया। उन्होंने 100 साल की उम्र (100 years old) में आखिरी सांस ली। उनके जाने से भारतीय मूर्ति के क्षेत्र में एक ऐसा खालीपन आ गया है जिसे भरा नहीं जा सकता। उनका अंतिम संस्कार आज सुबह 11 बजे गुरुग्राम में किया जाएगा।

राम सुतार का जन्म 19 फरवरी, 1925 को धुले जिले के गोंडूर गांव में हुआ था। शुरुआत में उन्होंने श्रीराम कृष्ण जोशी के मार्गदर्शन में मूर्ति की शुरुआती पढ़ाई की। उसके बाद उन्होंने मुंबई के जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स से अपनी फॉर्मल पढ़ाई पूरी की। राम सुतार ने दुनिया भर में 200 से ज़्यादा मूर्तियां बनाई हैं। उन्हें पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। कुछ दिन पहले उन्हें 'महाराष्ट्र भूषण' अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था।

राम सुतार सिर्फ़ महाराष्ट्र ही नहीं, बल्कि पूरे देश की शान थे। अपनी बेमिसाल मूर्तिकला के ज़रिए उन्होंने भारत के लगभग हर राज्य में अपनी कला का प्रदर्शन किया। उन्होंने देश के महान नेताओं, समाज सुधारकों और महान हस्तियों को मूर्तियां देकर इतिहास रचा।

महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड से गौरव!

उन्हें 1999 में पद्म श्री और 2016 में पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। खास बात यह है कि हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राम सुतार के घर जाकर उन्हें महाराष्ट्र भूषण अवॉर्ड दिया। यह महाराष्ट्र की ओर से इस महान कलाकार को दिया जाने वाला सबसे बड़ा सम्मान था, जिन्होंने जीवन भर कला की सेवा की। अवॉर्ड लेते समय उन्होंने जो विनम्रता और वफ़ादारी दिखाई, वह कई लोगों के लिए प्रेरणा देने वाली थी।

महान हस्तियों के मूर्तिकार

राम सुतार की असली पहचान उनके द्वारा बनाई गई ऐतिहासिक मूर्तियां हैं। सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर, महात्मा गांधी, छत्रपति शिवाजी महाराज समेत कई महान हस्तियों की मूर्तियां उनके मूर्तिकला का जीता-जागता सबूत हैं। उनकी कलाकृतियों में न सिर्फ़ सुंदरता, बल्कि उस शख्सियत की आत्मा भी झलकती थी। गुजरात में दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' बनाने में उनके योगदान ने भारतीय मूर्तिकला को दुनिया भर में पहचान दिलाई।

साधारण जीवनशैली, बड़ी उपलब्धि-

राम सुतार की जीवनशैली बहुत सादी थी। शोहरत, सम्मान और अवॉर्ड मिलने के बावजूद उन्होंने कला से कभी समझौता नहीं किया। उनकी पूरी ज़िंदगी कड़ी मेहनत, अनुशासन और लगन के तीन उसूलों पर आधारित थी।

कला जगत से श्रद्धांजलि

सुतार के निधन के बाद कला, राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों से श्रद्धांजलि दी जा रही है। कई लोगों ने राम सुतार को 'इतिहास को आकार देने वाला कलाकार' कहा है। राम सुतार का काम और उनके बनाए स्कल्पचर ही उनकी असली पहचान हैं, और वे आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे। स्कल्पचर के ज़रिए अमरता पाने वाले इस महान कलाकार को महाराष्ट्र और देश में हमेशा याद किया जाएगा।

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