नयी दिल्ली। मशहूर उद्योगपति अनिल अंबानी (Renowned industrialist Anil Ambani) से जुड़े पीएमएलए (धनशोधन निवारण अधिनियम) मामले की चल रही जांच में सोमवार को यस बैंक (Yes Bank) के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी राणा कपूर (Officer Rana Kapoor) सोमवार को यहां प्रवर्तन निदेशालय मुख्यालय में पेश हुए।
ईडी का आरोप है कि कपूर और अंबानी (Kapoor and Ambani) के बीच एक "क्विड प्रो क्वो" (किसी चीज़ के बदले कुछ) समझौता हुआ था, जिससे यस बैंक को खासा वित्तीय नुकसान हुआ। ईडी के अनुसार जब राणा कपूर यस बैंक के प्रमुख थे, तब 31 मार्च 2017 तक रिलायंस अनिल अंबानी समूह (एडीएजी) (Reliance Anil Ambani Group (ADAG) में बैंक का जोखिम लगभग 6,000 करोड़ रूपये का था। यह जोखिम 31 मार्च 2018 तक दोगुना होकर 13,000 करोड़ रूपये का हो गया। इसी अवधि के दौरान, बैंक ने "समूह की कंपनियों रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड में 5,000 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश किया।
ईडी का दावा है कि इन निवेशों का एक बड़ा हिस्सा बाद में गैर-निष्पादित निवेश में बदल गया, जिसके परिणामस्वरूप बैंक को लगभग 3,300 करोड़ रूपये का भारी नुकसान हुआ।
जांच एजेंसी ने आगे आरोप लगाया है कि ये लेनदेन सामान्य बैंकिंग परिचालन का हिस्सा नहीं था बल्कि इसका इस्तेमाल "क्विड प्रो क्वो" के रूप में किया गया। ईडी के अनुसार यस बैंक के इन बड़े निवेशों के बदले में, इस समूह की संस्थाओं ने कथित तौर पर कपूर के परिवार के सदस्यों की कंपनियों को कर्ज बांट दिया।
ईडी ने यह भी कहा कि इन कथित समझौतों को अंतिम रूप देने के लिए राणा कपूर और अनिल अंबानी ने निजी व्यापार बैठकें की, जिनमें अक्सर यस बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद नहीं होते थे।
ईडी इस मामले में आगे की जांच कर रही है ताकि इन लेनदेन की प्रकृति और वित्तीय नुकसान की सीमा को पूरी तरह से स्थापित किया जा सके।
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Mon, Dec 15 , 2025, 02:56 PM