Sleeping Habits: बाएं या दाएं सोने से आपके शरीर और दिमाग को क्या फायदा?

Sun, Dec 14 , 2025, 12:27 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Sleeping Habits : रात (Night) होते ही, लाइट बंद (Lights off) हो जाती है और पति-पत्नी (husband and wife)  दिन भर की थकान के मारे बिस्तर पर लेट जाते हैं। फिर अचानक, एक छोटी सी घरेलू "जंग" शुरू हो जाती है - "अरे! यह मेरी तरफ है, तुम उधर जाओ।" दूसरा व्यक्ति गुस्से में कहता है, "इससे क्या फ़र्क पड़ता है? बिस्तर तो एक ही है!" लेकिन सच तो यह है कि फ़र्क पड़ता है। थोड़ी खींचतान के बाद, दोनों अपनी "अपनी जगह" पर लौट आते हैं।

अगर यह आपको जाना-पहचाना लग रहा है, तो आप अकेले नहीं हैं। साइकोलॉजिस्ट मानते हैं कि बिस्तर का कोई खास हिस्सा चुनना कोई गलती नहीं है (Why We Prefer One Side of the Bed) इसके पीछे हमारी साइकोलॉजी और गहरी आदतें हैं। आइए जानें।

नींद का पैटर्न और आपकी सेहत

स्टडीज़ से पता चला है कि दुनिया भर में लगभग आधे एडल्ट्स करवट लेकर सोना पसंद करते हैं। यह पोज़िशन रीढ़ की हड्डी के लिए अच्छी होती है और नींद की दिक्कतों को कम करती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि किस तरफ सोने से क्या असर होता है?

दाईं ओर: एक स्टडी के मुताबिक, दाईं ओर सोने वालों को अच्छी नींद आती है। इससे ज़रूरी अंगों और नसों पर कम दबाव पड़ता है।

बाईं ओर: अगर आपको एसिडिटी या रिफ्लक्स की परेशानी है, तो बाईं ओर सोना बेहतर है क्योंकि इससे आपका पेट खाने की नली के नीचे रहता है। यह करवट प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए भी अच्छी मानी जाती है।

पीठ के बल सोना: जो लोग पीठ के बल सोते हैं, उन्हें बार-बार नींद में दिक्कत और खर्राटे या 'स्लीप एपनिया' होने की संभावना ज़्यादा होती है।

सुरक्षा और दिमागी खेल
बिस्तर पर अपनी करवट चुनना सिर्फ़ शारीरिक आराम के बारे में नहीं है, बल्कि हमारे पूर्वजों से विरासत में मिले डर और सुरक्षा की भावना के बारे में भी है। हम अनजाने में सुरक्षा चाहते हैं। कुछ लोग दीवार की ओर मुंह करके सोना पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें वहां सुरक्षित महसूस होता है, जबकि दूसरे दरवाज़े के सबसे पास वाली करवट चुनते हैं।

साइकोलॉजिस्ट के मुताबिक, ऐसे लोग खुद को "रक्षक" मानते हैं या खतरे के समय उन्हें पास में ही भागने का रास्ता चाहिए होता है। जैसे हम क्लास या ऑफिस में एक ही सीट पर बैठना पसंद करते हैं, वैसे ही बिस्तर पर वही पुरानी जगह दिमाग को आराम देती है।

पर्सनैलिटी से भी है कनेक्शन
यह सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन आपकी करवट भी आपकी पर्सनैलिटी के बारे में बहुत कुछ कहती है। UK में 2011 में हुई एक स्टडी में पाया गया कि जो लोग बाईं करवट सोते हैं, वे ज़्यादा खुश और ज़्यादा पॉजिटिव होते हैं। जो लोग दाईं करवट सोते हैं, उन्हें कम सीरियस और आम माना जाता था। अक्सर, कपल्स रिश्ते की शुरुआत में ही अपनी करवट लेकर फैसले लेते हैं और उन्हें शायद ही कभी बदलते हैं।

करवट लेकर सोना आपके दिमाग के वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम के लिए फायदेमंद हो सकता है। जानवरों पर हुई स्टडी से पता चला है कि करवट लेकर सोने से दिमाग टॉक्सिन को ज़्यादा आसानी से बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे भविष्य में अल्जाइमर जैसी मेमोरी लॉस का खतरा कम हो सकता है।

हम करवट क्यों नहीं बदल सकते?

एक बार जब कोई "पसंदीदा करवट" बन जाती है, तो उसे बदलना बहुत मुश्किल होता है। इसे "मसल मेमोरी" और मेंटल हैबिट कहते हैं। हमारा दिमाग उस खास जगह को नींद और सेफ्टी से जोड़ता है। इसीलिए जब हम किसी होटल या नए घर में जाते हैं, तो करवट बदलते समय हमें अक्सर एक अजीब सी बेचैनी महसूस होती है।

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