नवी मुंबई: जेमिमाह रॉड्रिग्स (नाबाद 127) और कप्तान हरमनप्रीत कौर (89 ) बेहतरीन प्रदर्शन की बदौलत भारत ने गुरुवार को एकदिवसीय महिला विश्वकप के दूसरे सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को नौ गेंदे शेष रहते पांच विकेट से हराकर टूर्नामेंट के खिताबी मुकाबले में प्रवेश किया। जहां उसका मुकाबला दक्षिण अफ्रीका से होगा। 339 रनों के लक्ष्य का पीछ करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और उसने 13 रन के स्काेर पर सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा (10) का विकेट गंवा दिया।
उन्हें किम गार्थ ने पगबाधा आउट किया। इसके बाद 10वें ओवर में गार्थ ने स्मृति मंधाना (24) को भी अपना शिकार बना लिया। ऐसे संकट के समय जेमिमाह रॉड्रिग्स और कप्तान हरमनप्रीत कौर की जोड़ी ना केवल पारी को संभाला तेजी के साथ रन भी बटोरे। दोनों बल्लेबाजों के बीच तीसरे विकेट के लिए 167 रनों की साझेदारी हुई। 36वें ओवर में ऐनाबेल सदरलैंड ने हरमनप्रीत कौर को आउट कर इस साझेदारी को तोड़ा। हरमनप्रीत कौर ने 88 गेंदों में 10 चौके और दो छक्के लगाते हुए 89 रनों की बेहतरीन पारी खेली। 41वें ओवर में दीप्ति शर्मा 17 गेंदों में (24) चौथे विकेट के रूप में रनआउट हुई।
42वें ओवर की चौथी गेंद पर रॉड्रिग्स ने एक रन देकर अपना शतक पूरा किया। उन्होंने इस दौरान 115 गेंदों में 10 चौके लगाये। 46वें ओवर में सदरलैंड ने ऋचा घोष 16 गेंदों में 26 रन को आउटकर भारत को बड़ा झटका दिया। ऋचा घोष ने अपनी पारी में दो चौके और दो छक्के लगाये। अमनजोत कौर ने 49वें ओवर की तीसरी गेंद पर चौका लगाकर भारत को पांच विकेट से जीत दिलाई। अमनजोत कौर ने आठ गेंदों में दो चौके लगाते हुए नाबाद 15 रन बनाये। जेमिमाह रॉड्रिग्स ने 134 गेंदों में 14 चौके लगाते हुए मैच विजयी नाबाद 127 रन बनाये।
ऑस्ट्रेलिया की ओर से ऐनाबेल सदरलैंड और किम गार्थ ने दो-दो विकेट लिये। इससे पहले फीबी लिचफील्ड (119) के शानदार शतक और एलिस पेरी (77) तथा एश्ले गार्डनर (63) के अर्धशतकों से ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ दूसरे सेमीफाइनल में 49.5 ओवर में 338 रन का मजबूत स्कोर खड़ा किया। भले ही ये स्कोर काफी बड़ा है, लेकिन भारत को खुशी हो रही होगी कि वे ऑस्ट्रेलिया को कम से कम 15-20 रन पहले रोक पाए। लिचफील्ड ने पूरी शतकीय पारी के दौरान बेहद कम गलत शॉट खेले और हर गेंदबाज को दबाव में रखा। पेरी ने आज अपना पूरा अनुभव झोंक दिया। हालांकि, आखिरी 15-20 ओवरो में लगातार अंतराल पर गिरे विकेट ऑस्ट्रेलिया के लिए परेशानी खड़ी करते रहे। हालांकि, गार्डनर ने शानदार पारी खेलते हुए अपनी टीम को काफी मजबूत स्कोर तक पहुंचाया।
भारत 338 रन देकर अपेक्षाकृत खुश होता। उनके एक-दो खिलाड़ी मुस्कुराते हुए वापस लौटते हैं। एक समय, जब लिचफील्ड ऑस्ट्रेलिया के लिए क्रीज पर थीं, 400 रन बनने की संभावना थी, लेकिन लगातार गिरते विकेटों ने स्थिति को संभाल लिया। हीली जल्दी आउट हो गईं और बारिश के बाद, लिचफील्ड और पेरी ने 155 रन की साझेदारी करके अच्छा प्रदर्शन किया। लिचफील्ड ने शानदार बल्लेबाजी की और किसी बड़े मैच में अपना पहला विश्व कप शतक जड़ा। लिचफील्ड ने 93 गेंदों पर 119 रन में 17 चौके और तीन छक्के लगाए।
उस समय, भारत दबाव में था। लेकिन स्कूप के एक शानदार प्रयास ने उन्हें पवेलियन भेज दिया और इससे भारत को वापसी का मौका मिल गया। भारत ने लगातार विकेट चटकाए, लेकिन गार्डनर ने 45 गेंदों पर चार चौकों और चार छक्कों की मदद से 63 रन बनाकर तेज पारी खेली। उनकी पारी ने ऑस्ट्रेलिया को आखिरी छोर पर मदद की क्योंकि उन्होंने गेंद को सीमा रेखा के पार पहुंचा दिया। फिर भी, ऑस्ट्रेलिया को लगता होगा कि वे कम से कम 30 रन और बना सकते थे।
भारत का क्षेत्ररक्षण बहुत साधारण रहा और कई गलतियां हुईं और रन गंवाए गए। एक बार फिर चरणी भारत की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज रहीं। बड़े मैच में रन बनाना हमेशा दबाव का कारण बनता है। लेकिन यह एक अच्छा विकेट और तेज आउटफ़ील्ड है। अगर ओस पड़ती है, तो इसका फ़ायदा लक्ष्य का पीछा करने वाली टीम को ही होगा। भारत की तरफ से श्रीचरणी और दीप्ति शर्मा ने दो-दो विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया ने आखिरी ओवर में तीन विकेट गंवाए।



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