कोलकाता: ब्रिटेन उच्च न्यायालय (UK High Court) ने गुरुवार को पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के खिलाफ एक अरब अमेरिकी डॉलर की धोखाधड़ी (USD 1 billion fraud) के कथित मास्टरमाइंड नीरव मोदी की चौथी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए एक बार फिर जमानत देने से इनकार कर दिया। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
ईडी ने आज एक बयान में कहा, ''अभियोजन पक्ष (भारत सरकार) के जवाबी तर्कों के साथ बचाव पक्ष (नीरव मोदी) की दलीलों पर गहन विचार-विमर्श के बाद ईडी द्वारा लिखित प्रस्तुतियाँ (जिनमें शेल कंपनियों का उपयोग करके आय को ब्रिटेन सहित बाहरी अधिकार क्षेत्रों में भी ले जाने के लिए धन शोधन के पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है) और धोखाधड़ी की मात्रा (जिसका एक हिस्सा पहले ही ईडी द्वारा जब्त किया जा चुका है और पीड़ित बैंकों को वापस कर दिया गया है) को ध्यान में रखते हुए ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने आवेदन को खारिज करते हुए नीरव मोदी को जमानत देने से इनकार कर दिया।''
नीरव मोदी को स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने 19 मार्च, 2019 को भारतीय अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के आधार पर ब्रिटेन सरकार को किए गए गिरफ्तारी अनुरोध के आधार पर गिरफ्तार किया था। मोदी ने इससे पहले यूके वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट से छह मौकों पर और ब्रिटेन उच्च न्यायालय से तीन बार जमानत पाने के कई प्रयास किए थे। हालांकि भारत की प्रमुख कानून प्रवर्तन और आर्थिक खुफिया एजेंसी ने कहा कि प्रत्येक ऐसे अवसर पर संबंधित ब्रिटेन के न्यायालयों ने नीरव मोदी को जमानत देने से इनकार कर दिया। हाल ही में समय की महत्वपूर्ण चूक और स्वास्थ्य के अन्य आधारों का हवाला देते हुए नीरव मोदी ने 21 मार्च, 2025 को ब्रिटेन उच्च न्यायालय के न्याय किंग्स बेंच डिवीजन के समक्ष अपनी चौथी जमानत याचिका दायर की जिसमें ब्रिटेन जिला न्यायाधीश ज़ानी के 7 मई, 2024 के आदेश को चुनौती दी गई, जिसके तहत उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
उन्होंने बताया कि दायर आवेदन में कार्यवाही के हिस्से के रूप में जमानत आवेदन पर व्यापक रूप से सुनवाई की गई जिसमें भारत सरकार (सीपीएस वकील टीम और ईडी और अन्य एजेंसियों के अधिकारियों के माध्यम से) ने नीरव मोदी को जमानत देने का कड़ा विरोध किया, जिसके परिणामस्वरूप भारत सरकार के लिए अनुकूल परिणाम सामने आया। ईडी ने कहा ''यह ध्यान रखना जरूरी है कि नीरव मोदी और उनके सहयोगियों के खिलाफ पीएमएलए मामला ईडी मुंबई द्वारा 14 फरवरी 2018 को दर्ज किया गया था जो सीबीआई, बीएस एंड एफसी शाखा, मुंबई द्वारा 6498.20 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के लिए दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर था।''
उन्होंने कहा कि पीएमएलए के तहत जांच के हिस्से के रूप में ईडी रुपये की संपत्ति / संपदा का पता लगाने में सक्षम है। भारत और विदेश में 2626.62 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई है और इस प्रकार पीएमएलए 2002 के प्रावधानों के तहत ऐसी पहचान की गई संपत्तियों को जब्त कर लिया गया है।
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Sat, May 17 , 2025, 07:41 AM