Dental care : अपने दांतों की देखभाल के लिए ब्रश और टूथपेस्ट (brush and toothpaste) का उपयोग करना हमारी आदत बन गई है। लेकिन पहले दांत साफ करने के लिए टूथब्रश नहीं होते थे! हमारे दादा-दादी के समय में नीम और बबूल (neem and acacia) जैसे पेड़ों से बनी लकड़ियाँ इस्तेमाल की जाती थीं। आज भी कई लोग टूथपेस्ट का उपयोग करना पसंद करते हैं। लेकिन वास्तव में आयुर्वेद में दातून का एक अलग स्थान है।
आयुर्वेद में दातून का महत्व
आयुर्वेद के विद्वान महर्षि वाग्भट ने अपनी पुस्तक 'अष्टांग हृदयम' में दातून के लाभों के बारे में विस्तार से बताया है। दातून न केवल दांतों को साफ करता है, बल्कि बदबूदार सांसों से भी छुटकारा दिलाता है, स्वाद में सुधार करता है और शरीर के समग्र स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है।
ये 12 पेड़ की डालियाँ दातून के लिए अच्छी मानी जाती हैं!
आयुर्वेद के अनुसार, दातून का स्वाद कड़वा या कसैला होना चाहिए। इनमें से नीम सबसे लोकप्रिय है। लेकिन इसके साथ ही वाग्भट ने 12 पेड़ों की लकड़ियों का भी जिक्र किया है: कपास, बबूल, अर्जुन, आम, पेरू, जांभोल, मोहा, करंज, वड़, अघाड़ा, बोर और बांस।
प्रत्येक दातून के लाभ अलग-अलग हैं!
नीम: दांतों की सड़न, प्लाक और बदबूदार सांसों के लिए उपयोगी। मुंह में जीवाणुरोधी सुरक्षा।
बबूल: मसूड़ों को मजबूत करता है, मुंह के छालों से राहत दिलाता है।
अर्जुन: हृदय के लिए लाभदायक माना जाता है, दांतों को ब्रश करने से रक्त परिसंचरण में सुधार होता है।
वट : आंखों के स्वास्थ्य और दांतों को मजबूत करने के लिए उपयोगी।
आम, अमरूद, जामुन: पाचन में सुधार करते हैं, गले को साफ रखते हैं।
दातून कैसे करें? सही विधि सीखें!
दातून 6-8 इंच लंबी और लगभग एक उंगली जितनी मोटी होनी चाहिए। इसे ब्रश की तरह नरम करने के लिए इसके सिरे को चबाएं और धीरे से अपने दांतों पर रगड़ें। सुबह और शाम अपने दांतों को ब्रश करने से मौखिक स्वास्थ्य अच्छा रहता है। जमीन पर बैठकर दातून करना भी शरीर के लिए लाभदायक माना जाता है।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Mon, Apr 28 , 2025, 03:49 PM