Maharashtra Budget 2025: इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की नीति से राज्य सरकार का यू-टर्न! कौन सी चीजें महंगी होंगी?

Tue, Mar 11 , 2025, 04:13 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

मुंबई : बजट (budget) से पता चलता है कि राज्य सरकार (state government) ने इलेक्ट्रिक वाहनों और सीएनजी (CNG) के उपयोग को प्रोत्साहित करने की अपनी नीति से 'यू-टर्न' ले लिया है। बढ़ते राजकोषीय घाटे (Rising fiscal deficit) और विभिन्न योजनाओं से राजकोष पर बढ़ते बोझ के कारण राज्य सरकार ने राजस्व संग्रहण (revenue collection) बढ़ाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों सहित विभिन्न करों में वृद्धि की गई है।

दूसरी बार सत्ता में आई महायुति सरकार का पहला बजट सोमवार को पेश किया गया। बजट में 7 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। महायुति सरकार ने दावा किया कि यह बजट राज्य को आगे ले जाएगा और विकास को करीब लाएगा। विपक्ष ने इस बजट की आलोचना करते हुए कहा है कि यह केवल जनता को धोखा देगा। राज्य कर विभाग द्वारा अभय योजना का नाम 'महाराष्ट्र अधिनियम, 2025 (कर, ब्याज, जुर्माना या विलंब शुल्क के बकाया के निपटान के संबंध में (सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा देय)' होगा।

सीएनजी और एलपीजी (CNG and LPG) पर 1 प्रतिशत की वृद्धि - वर्तमान में, निजी स्वामित्व वाले वाहनों के अलावा चार पहिया सीएनजी और एलपीजी वाहनों पर वाहन के प्रकार और कीमत के आधार पर 7 से 9 प्रतिशत की दर से मोटर वाहन कर लगाया जाता है। इस कर की दर में 1 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इस कर वृद्धि से राज्य को 150 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है।

7 प्रतिशत की दर से मोटर वाहन कर - राज्य में 30 लाख रुपये से अधिक मूल्य के इलेक्ट्रिक वाहनों पर 6 प्रतिशत की दर से मोटर वाहन कर लगाया जाएगा। मोटर वाहन कर की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 30 लाख रुपये की जाएगी। निर्माण कार्यों में उपयोग किए जाने वाले क्रेन, कम्प्रेसर, प्रोजेक्टर और उत्खनन मशीनों पर वाहन की कीमत का 7 प्रतिशत अनिवार्य रूप से एकमुश्त मोटर वाहन कर लगेगा। इस बीच, राज्य में 7,500 किलोग्राम तक वजन वाले हल्के माल वाहनों (एलजीवी) पर वाहन मूल्य का 7 प्रतिशत अनिवार्य एकमुश्त मोटर वाहन कर लगाया जाएगा।

स्टाम्प ड्यूटी में वृद्धि - महाराष्ट्र स्टाम्प अधिनियम की धारा 4 के अनुसार, यदि एक ही लेनदेन को पूरा करने के लिए एक से अधिक दस्तावेजों का उपयोग किया जाता है, तो पूरक दस्तावेजों पर 100 रुपये के बजाय 500 रुपये का स्टाम्प शुल्क लगाया जाएगा। महाराष्ट्र स्टाम्प अधिनियम की धारा 31 (1) के अनुसार, किसी दस्तावेज़ पर देय स्टाम्प शुल्क के संबंध में दस्तावेज़ न्यायनिर्णयन प्रक्रिया के लिए लिया जाने वाला शुल्क वर्तमान में 100 रुपये के स्थान पर 1,000 रुपये कर दिया जाएगा।

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