Scented Candles : सुगंधित मोमबत्तियाँ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती हैं! अब सावधान रहो!

Mon, Feb 24 , 2025, 06:15 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Health Tips: कई घरों में सुगंधित मोमबत्तियां (Candles) जलाई जाती हैं। यद्यपि वे देखने में सुंदर लगती हैं और अच्छी खुशबू देती हैं, लेकिन घर में सुगंधित मोमबत्तियाँ जलाना आपके स्वास्थ्य (health) के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। शोधकर्ताओं के अवलोकनों (Observations) ने इसके खतरों पर प्रकाश डाला है। सुगंधित मोम को पिघलाने से निकलने वाले सुगंधित यौगिक घर में मौजूद ओजोन के साथ मिलकर हानिकारक कण बना सकते हैं। ये कण स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं।

जैसे ही मोम पिघलता है, मोमबत्ती का ऊपरी भाग पिघल जाता है और अधिक सुगंध निकलती है, जिससे हाइड्रोकार्बन जैसे वाष्पशील कार्बनिक यौगिक निकलते हैं। एसीएस के 'पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी पत्र' में प्रकाशित एक अध्ययन से इस गंध के बारे में जानकारी मिलती है।


ये रसायन हवा में उपस्थित अन्य तत्वों के साथ मिलकर बहुत छोटे कण बना सकते हैं, जो सांस के साथ शरीर में जाने पर स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। वैज्ञानिकों को यह पहले से ही पता था, लेकिन पिछले शोध में यह स्पष्ट नहीं हो पाया था कि क्या मोम को पिघलाकर ऐसे कण बनाए जा सकते हैं। इसलिए, संयुक्त राज्य अमेरिका के पर्ड्यू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस प्रक्रिया को समझने के लिए एक प्रयोग किया। उन्होंने एक मॉडल हाउस में 15 विभिन्न प्रकार के मोम को पिघलाकर परीक्षण किया। सबसे पहले उन्होंने घर में वायु प्रदूषण के स्तर को मापा, फिर मोम को पिघलाया, जिसे गर्म होने में लगभग 2 घंटे लगे। इस बार हवा के नमूने कुछ मीटर की दूरी से लिये गये। शोधकर्ताओं ने पाया कि हवा में बहुत छोटे कण थे, जिनका आकार 1 से 100 नैनोमीटर के बीच था, तथा उनकी मात्रा पारंपरिक मोमबत्तियों के जलने से उत्पन्न होने वाले कणों के समान थी।

वैज्ञानिकों के अनुसार, ये सूक्ष्म कण इतने छोटे होते हैं कि वे श्वसन तंत्र के माध्यम से रक्तप्रवाह में पहुंच सकते हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ सकता है। शोध में यह भी पाया गया कि मोम पिघलने से उत्सर्जित होने वाले मुख्य VOCs में टेरपीन नामक पदार्थ शामिल हैं, जो ओजोन के साथ चिपचिपा यौगिक बनाते हैं।


ये यौगिक हवा में जमा हो जाते हैं और नैनोकणों में बदल जाते हैं। जब बिना गंध वाला मोम पिघला, तो न तो टेरपीन निकले और न ही कोई नैनोकण बने। इस अवलोकन से पता चला कि सुगंधित घटक इन नैनोकणों के निर्माण में योगदान करते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि मोम पिघलने से उत्पन्न नैनोकणों के स्वास्थ्य प्रभावों को समझने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।

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