Indian Railways: रेलवे में चोरों का गिरोह, एक साल में 3 लाख तौलिए, 18 हजार चादरें चोरी; कितना होगी सज़ा? विस्तार से पढ़ें

Wed, Feb 05 , 2025, 10:00 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

भारतीय रेल (Indian Railways) में प्रतिदिन लाखों लोग यात्रा करते हैं। अक्सर रेलवे प्रशासन इस बात का विशेष ध्यान रखता है कि यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा के दौरान किसी प्रकार की परेशानी न हो। अधिकांशतः ट्रेन के एसी डिब्बे में यात्रा करते समय चादरें, तौलिए और तकिए उपलब्ध कराए जाते हैं। यात्री इन वस्तुओं का निःशुल्क उपयोग कर सकते हैं तथा उपयोग के बाद आप इन वस्तुओं को वहीं छोड़कर अपने स्टेशन पर उतर सकते हैं। लेकिन कुछ यात्री इस रेलवे सुविधा का दुरुपयोग करते हैं। पिछले कुछ दिनों में ट्रेनों से चादरें, तकिए और तौलिये की चोरी की घटनाएं बढ़ गई हैं। इससे रेलवे पर भारी असर पड़ रहा है। अब इस पृष्ठभूमि में रेलवे प्रशासन ने कुछ नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर अंचल में चोरी की सबसे ज्यादा घटनाएं
रेलवे प्रशासन के अनुसार, कई यात्री लंबी दूरी की यात्रा करते समय चादरें, तकिए और बिस्तर जैसी चीजें चुरा लेते हैं। इन वस्तुओं के साथ-साथ चम्मच, केतली, नल और बाथरूम की वस्तुओं की चोरी भी बढ़ गई है। अब तक ट्रेनों में सामान चोरी के सबसे ज्यादा मामले छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जोन में सामने आए हैं। बिलासपुर और दुर्ग के बीच चलने वाली एक्सप्रेस से बड़ी संख्या में चादरें, तकिए के कवर और तौलिये चोरी हो गए हैं।

पिछले वर्ष कितनी चादरें और तौलिए चोरी हुए हैं?
अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार रेलवे से सबसे ज्यादा चोरी होने वाली वस्तुएं चादरें और तौलिए हैं। इससे रेलवे को आर्थिक नुकसान हो रहा है। वर्ष 2023-24 में रेलवे से 18,208 चादरें और 2,796 कंबल चोरी हुए। इसके अलावा, 19,767 तकिए के कवर और 3,08,505 तौलिए चोरी होने की जानकारी सामने आई है।

सज़ा क्या है?
इस घटना के बाद अब रेलवे ने इस संबंध में सख्त कदम उठाने का फैसला किया है। रेलवे द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, रेलवे में यात्रियों को उपयोग के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली सभी वस्तुएं रेलवे की संपत्ति हैं। तदनुसार, रेल सम्पत्ति अधिनियम 1966 के तहत ट्रेनों से सम्पत्ति चोरी के विरुद्ध कार्रवाई करने का प्रावधान है। यदि ऐसे मामले में कोई चोरी करते हुए पाया जाता है तो उसे इस अपराध के लिए एक वर्ष की जेल की सजा हो सकती है। एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। इसके अलावा, जेल की सज़ा को बढ़ाकर 5 साल किया जा सकता है।

जब आप एसी कोच में यात्रा करते हैं तो आपको दो चादरें, एक कंबल, एक तकिया, उसका कवर और एक तौलिया का पूरा सेट दिया जाता है। कुछ डिब्बों में यात्रियों को केवल तकिए और चादरें ही उपलब्ध कराई जाती हैं। अक्सर, यात्रा के बाद आप अपनी चादरें, तकिए आदि अपनी सीट पर ही छोड़ देते हैं, और यदि आपके जाने के बाद कोई आपकी सीट से उन वस्तुओं को चुरा भी लेता है, तो आप पर मुकदमा चलाया जा सकता है। यही कारण है कि आपको अपनी यात्रा के बाद ये वस्तुएं परिचारक को वापस कर देनी चाहिए, ताकि आप अनावश्यक रूप से परेशान न हों।

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