Chanakya Niti : ये चार तरह के लोग पढ़-लिखकर भी होते हैं मूर्ख, जानिए आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) ने नीतिशास्त्र नामक ग्रंथ लिखा था, जिसे आज चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के नाम से जाना जाता है। इस पुस्तक में चाणक्य ने सफल जीवन के मूल मंत्र दिए हैं। इसमें कई ऐसी बातें हैं जिनका पालन करने से व्यक्ति एक न एक दिन अपने लक्ष्य को जरूर हासिल कर लेता है। चाणक्य नीति में स्त्री और पुरुष दोनों के गुणों का वर्णन किया गया है। उन्होंने मनुष्य की कुछ आदतों का उल्लेख किया है जो एक विद्वान व्यक्ति को भी मूर्ख बना देती हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा है कि ऐसा व्यक्ति चाहे कितना भी अमीर क्यों न हो जाए, दूसरों द्वारा उसका सम्मान नहीं किया जाता है।
आत्मबुद्धिमान
चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति खुद को अधिक बुद्धिमान समझता है वह मूर्ख के समान है। ऐसे लोग किसी अन्य व्यक्ति पर भरोसा नहीं करते हैं। साथ ही वे दूसरों से बात करना भी उचित नहीं समझते। ऐसे लोगों को जब दूसरे लोग सलाह देते हैं तो सलाह लेने के बाद भी वे उनका अपमान करते रहते हैं।
जो व्यक्ति दूसरों का अपमान करता है-
कुछ लोग ऐसे होते हैं, जब वे ज्यादा पढ़ लेते हैं तो दूसरों को अपने से कमतर समझने लगते हैं। ऐसे लोग न सिर्फ बच्चों से बल्कि बड़ों से भी अच्छे से बात नहीं करते हैं। आचार्य चाणक्य ऐसे लोगों को मूर्ख मानते थे। ऐसे लोगों को कभी भी दूसरों से सम्मान नहीं मिलता है।
लापरवाह व्यक्ति-
जो व्यक्ति बिना सोचे-समझे कुछ करता है या बिना पूछताछ किये किसी बात पर विश्वास करता है, वह मूर्ख के समान है। ऐसे व्यक्ति के लिए चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में कहा गया है कि वह कितना भी अमीर क्यों न हो जाए, उसे दूसरों से सम्मान नहीं मिलता है।
एक आत्म-प्रशंसक व्यक्ति-
ऐसे लोग होते हैं जो हर जगह अपनी ही तारीफ करते हैं। चाणक्य के अनुसार ऐसे लोग मूर्ख होते हैं। ऐसे लोग हमेशा अपने धन और बुद्धि का घमंड करते हैं। ऐसे व्यक्ति को ऐसे लोग पसंद आते हैं जो उसकी प्रशंसा करते हैं।
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Sun, Dec 22 , 2024, 09:52 AM