मुंबई: बदलापुर अत्याचार मामले (Badlapur atrocities case) के आरोपी अक्षय शिंदे की एनकाउंटर (Akshay Shinde encounter) में मौत हो गई। लेकिन फिर भी उनके शव को दफनाया नहीं गया। आखिरकार बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने पुलिस को अक्षय के शव को सोमवार तक दफनाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने पुलिस से उसके शव को जल्द से जल्द दफनाने को भी कहा है।
बदलापुर मामले के आरोपी अक्षय शिंदे का पुलिस ने तीन दिन पहले एनकाउंटर कर दिया था। अगले दिन अक्षय का शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया। मामले की जांच चल रही है इसलिए शव को दफनाने का निर्णय लिया गया। लेकिन बदलापुर के स्थानीय लोगों और मनसे ने उनके शव को दफनाने का विरोध किया है। अक्षय के शव को तीन जगहों पर दफनाने का विरोध हो रहा है। इस मामले में आज कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज ने पुलिस को सख्त आदेश दिया है। अक्षय के शव को सोमवार तक दफनाने के लिए कदम उठाएं, अगर शव दो दिन में दफनाया जाता है तो सोमवार को अदालत को सूचित करें, कोर्ट ने यह भी कहा।
यह कोई मुठभेड़ नहीं है, इसकी उचित जांच जरूरी है.'
यदि गलत जानकारी दी गई तो ऐसा नहीं किया जाएगा। कोर्ट को गुमराह करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पहली नज़र में ये कोई मुठभेड़ नहीं है। पुलिस पर कोई संदेह नहीं है लेकिन जांच सही होनी चाहिए। क्या रिवॉल्वर या पिस्तौल थी? गोली कितनी दूर तक गई? यह कहते हुए जज ने पिछली सुनवाई में पुलिस को फटकार लगाई थी।
साथ ही घटना के वक्त उस कार में चार पुलिस अधिकारी भी थे। एक वरिष्ठ अधिकारी थे। वे सभी पूर्णतया प्रशिक्षित थे। इसमें एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट अधिकारी थे। क्या आरोपी इन सब पर हावी होकर पिस्तौल पकड़ सकता है? ये समझना थोड़ा मुश्किल है। एनकाउंटर की परिभाषा अलग है और कोर्ट ने सवाल पूछा कि ये एनकाउंटर कैसे हो सकता है?
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Fri, Sep 27 , 2024, 03:34 PM