Uddhav's lesson to Vasant More: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha elections) से पहले मनसे छोड़कर वंचित समूह में शामिल हुए वसंत मोरे (Vasant More) आज शिव सेना ठाकरे समूह (Shiv Sena Thackeray group) में शामिल हो गए। मातोश्री बंगले में उद्धव बालासाहेब ठाकरे (Uddhav Balasaheb Thackeray) की मौजूदगी में वसंत मोरे की पार्टी एंट्री हुई। इस समय वसंत मोरे ने शिवबंधन बांधते हुए मशाल थाम ली। वसंत मोरे के पार्टी में शामिल होने के बाद उद्धव ठाकरे ने उन्हें शिवसेना छोड़ने के बाद के बदलाव के बारे में अलग ही अंदाज में कहा। वसंत मोरे की ठाकरे गुट में एंट्री के बाद उद्धव ठाकरे ने शिवसैनिकों से बातचीत की। इस मौके पर उन्होंने वसंत मोरे समेत शिवसेना में शामिल हुए असंख्य कार्यकर्ताओं को धन्यवाद दिया। उस वक्त उन्होंने वसंत मोरे की जिम्मेदारी के बारे में भी जानकारी दी थी।
क्या कहा उद्धव ठाकरे ने?
''जितने भी भाई-बहन वसंत मोरे के साथ अपने घर लौटे, हम सब लोकसभा के सामने देख रहे थे कि वसंत राव क्या कर रहे हैं? क्या करना है यह उनका निजी सवाल है। लेकिन एक बात से मैं जरूर संतुष्ट हूं कि आप पहले शिवसैनिक बने। इस बीच, आपने शिवसेना पार्टी के बाहर व्यवहार और सम्मान का अनुभव किया है, और उस अनुभव के साथ, आप और अधिक परिपक्व होकर घर लौटे हैं। इसलिए आज आपका महत्व, काम और जिम्मेदारी बहुत बड़ी है। जब मैं शिवबंधन बांध रहा था तो कुछ लोगों ने मुझसे कहा कि हम भी शिवसैनिक हैं।
तो फिर अब तुम्हें शिवसेना छोड़ने की सज़ा मिलनी ही चाहिए। यह वसंत ऋतु में भी होना चाहिए। मैं तुम्हें जो दंड दे रहा हूं वह यह है कि मैं पुणे में शिव सेना को पहले से कई गुना अधिक बढ़ाना चाहता हूं। इसे बढ़ाने की जिम्मेदारी मैं वसंत मोरे को देता हूं।' सज़ा एक अजीब शब्द है, इसे इस तरह न लें। लेकिन इसे एक जिम्मेदारी के रूप में लें। लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र ने देश को एक दिशा दिखाई है। वह लड़ाई लोकतंत्र, संविधान बचाने की थी। अब जो लड़ाई होगी वह विश्वासघाती धमकियों और लाचारी के खिलाफ होगी। यह महाराष्ट्र के अस्तित्व की लड़ाई होने जा रही है”, उद्धव ठाकरे ने कहा।
वसंत मोरे 23 पदाधिकारियों के साथ शिवसेना ठाकरे समूह में शामिल हुए
इस दौरान वसंत मोरे ने लोकसभा चुनाव से पहले एमएनएस पर हमला बोला। इसके बाद उन्होंने महाविकास अघाड़ी से चुनाव लड़ने की कोशिश की। शरद पवार से भी मुलाकात की थी। हालांकि, यह सीट कांग्रेस के खाते में जाने के कारण यहां से विधायक रवींद्र धांगेकर को उम्मीदवार बनाया गया। इसलिए, वसंत मोरे ने प्रकाश अंबेडकर से मुलाकात की और वंचित बहुजन अघाड़ी से उम्मीदवारी हासिल की। लेकिन, चुनाव में उन्हें हार स्वीकार करनी पड़ी। इसके बाद आज वसंत मोरे के साथ मनसे के 17 शाखा अध्यक्ष, 5 उपविभागीय अध्यक्ष, 1 शहर अध्यक्ष, पर्यावरण बल के कई पदाधिकारी, परिवहन बल के पदाधिकारी, मथाडी के पदाधिकारी भी ठाकरे समूह में शामिल हो गये। इससे पुणे में शिवसेना की ताकत बढ़ गई है।
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Tue, Jul 09 , 2024, 04:05 AM