Reverse Repo Rate: क्या कम हो जाएगी आपकी ईएमआई? क्या है ये रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट 

Fri, Apr 05, 2024, 10:03

Source : Hamara Mahanagar Desk

RBI. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के फैसले पर आम नागरिकों से लेकर कर्जदारों (borrowers) तक की निगाहें टिकी हुई हैं. आरबीआई (RBI) की क्रेडिट पॉलिसी कमेटी आज रेपो रेट (repo rate) पर फैसला करेगी. गवर्नर शक्तिकांत दास इस संबंध में फैसले की घोषणा करेंगे. लोकसभा चुनाव से पहले उपभोक्ताओं को आरबीआई से राहत की उम्मीद है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व (American central bank, the Federal Reserve) ने वहां करिश्मा कर दिया है. भविष्य में ब्याज दरों में कटौती के संकेत दिये गये हैं. भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले सात बार से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. महंगाई पर लगाम लगाने के लिए रेपो रेट 6.5 फीसदी पर रखा गया है.

आर्थिक नीति क्या है?
भारतीय रिज़र्व बैंक देश का केंद्रीय बैंक है. वह देश के वित्तीय मामलों की योजना बनाती है. बाज़ार में नकदी पर नियंत्रण रखता है. बाज़ार में जितनी कम नकदी होगी, लोगों की क्रय शक्ति उतनी ही अधिक नियंत्रित होगी. लोग अपने खर्च पर नियंत्रण रखें. इससे महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलती है. लेकिन एकतरफ़ा नीति लागू करना पर्याप्त नहीं है. एक केंद्रीय बैंक को संतुलित दृष्टिकोण बनाए रखना होगा. इसे क्रियान्वित करना होगा. इस बात का ध्यान रखना होगा कि इसका असर देश के विकास पर न पड़े. आरबीआई हर दो महीने में रेपो रेट-रिवर्स रेपो रेट की समीक्षा करता है. इस उद्देश्य के लिए एक क्रेडिट नीति समिति का गठन किया गया है. इस समिति में 6 सदस्य होते हैं. 3 दिन की बैठकों के बाद क्रेडिट पॉलिसी कमेटी खुद रेपो रेट पर फैसले का ऐलान करती है.

रेपो रेट क्या है- आरबीआई देश में वाणिज्यिक बैंकों को ऋण प्रदान करता है, इसे रेपो रेट कहा जाता है. रेपो रेट बढ़ने पर आरबीआई बैंकों को महंगा कर्ज देता है. इसके बाद बैंक ऋण का बोझ ग्राहकों पर डाल देते हैं. होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज दरें बढ़ीं. मुद्रास्फीति के समय में उधार कम करने के लिए आरबीआई बाजार में तरलता कम कर देता है. इसके लिए रेपो रेट बढ़ाया जाता है.

रिवर्स रेपो दर - इस प्रकार की रिवर्स रेपो दर के तहत आरबीआई वाणिज्यिक बैंकों से उधार लेता है. यानी ये बैंक RBI के पास पैसा जमा करते हैं. आरबीआई इस पर ब्याज देता है. पिछले कुछ दिनों में रिवर्स रेपो रेट में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है.

नकद आरक्षित अनुपात - नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) एक बैंक में जमा का अनुपात है. बैंकों को यह रकम आरबीआई के पास रखनी होती है. 4 मई 2022 को इस सीआरआर को बढ़ाकर 4.50 फीसदी कर दिया गया है. तब से इस दर में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

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