करोड़ों कर्जदारों को बड़ी राहत की संभावना! घटेगी EMI, महंगाई के मोर्चे पर RBI से कब मिलेगी राहत?

Wed, Apr 03, 2024, 11:04

Source : Hamara Mahanagar Desk

नई दिल्ली. क्या भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) नए वित्तीय वर्ष (FY25) में राहत देगा? इसने ग्राहकों का ध्यान आकर्षित किया है. बुधवार को यानि आज क्रेडिट पॉलिसी कमेटी (Credit Policy Committee) की बैठक हो रही है. कमेटी में शामिल विशेषज्ञ रेपो रेट (repo rate) पर फैसला लेंगे और इस पर आरबीआई गवर्नर की मुहर लगेगी. अगर इस बैठक में रेपो रेट में कटौती का फैसला लिया जाता है तो देशभर के करोड़ों कर्जदारों को बड़ी राहत मिलेगी. उपभोक्ता पिछले दो साल से बढ़ी हुई ईएमआई (increased EMI) का बोझ झेल रहे हैं. बढ़ती महंगाई और ऋण की बढ़ती किस्तों के कारण, उन्हें अपने आवास खर्चों पर दबाव डालना पड़ता है. लोकसभा चुनाव से पहले उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है.

रेपो रेट जस का तस
पिछले एक साल से रेपो रेट जस का तस बना हुआ है. समिति 5 अप्रैल को क्रेडिट पॉलिसी कमेटी की बैठक के बाद अपने फैसले की घोषणा करेगी. आरबीआई ने पिछले छह बार से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है. विशेषज्ञ सातवीं बार भी यह दर यही रहने का अनुमान लगा रहे हैं. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती के संकेत दिए जाने से इस बात की पूरी संभावना है कि दबाव आरबीआई पर भी होगा. यह भी अनुमान लगाया गया है कि लोकसभा चुनाव 2024 के कारण रेपो रेट कम किया जाएगा. फिलहाल रेपो रेट 6.5 फीसदी है.

एसबीआई से अच्छी खबर
देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने भी खुशखबरी दी है. इसके मुताबिक केंद्रीय बैंक एसबीआई की क्रेडिट पॉलिसी कमेटी ने रेपो रेट में कटौती की संभावना जताई है. FY25 की तीसरी तिमाही (Q3FY25) में रेपो रेट में कटौती की उम्मीद है. एसबीआई को लगता है कि आरबीआई ग्राहकों को 'रिटर्न एडजस्टमेंट' के तौर पर यह तोहफा दे सकता है. एसबीआई ने रिपोर्ट में दावा किया है कि आरबीआई वित्त वर्ष 2025 की तीसरी तिमाही में दर में कटौती पर विचार कर सकता है इसके लिए उन्होंने अमेरिका और इंग्लैंड में ब्याज दरों में बदलाव को आधार बनाया है.

महँगाई डायन...
एसबीआई की एक शोध रिपोर्ट में समूह मुख्य वित्तीय सलाहकार सौम्य कांति घोष ने कहा कि मुद्रास्फीति के कारण आरबीआई द्वारा रेपो रेट में बदलाव की संभावना नहीं है. ईंधन की कीमतें, खाद्य पदार्थों की कीमतों में उतार-चढ़ाव सभी मुद्रास्फीति को प्रभावित कर रहे हैं. रसोई का बजट चरमरा गया है. इसलिए उन्होंने अनुमान लगाया है कि सीपीआई मुद्रास्फीति सूचकांक 5 फीसदी रहेगा.

रेपो रेट में इतनी बढ़ोतरी
एक साल पहले आरबीआई ने एमपीसी की आपात बैठक बुलाई थी. मई 2022 में आरबीआई ने लंबी अवधि के बाद रेपो रेट में संशोधन किया था. आरबीआई ने महंगाई पर काबू पाने के लिए मई 2022 से फरवरी 2023 तक रेपो रेट में 6 बार बढ़ोतरी की थी, तो रेपो रेट 6.50 फीसदी पर पहुंच गया. उसके बाद से रेपो रेट में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है.

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