दावोस के बाद सरकार करे आत्मचिंतन-आत्मपरीक्षण
मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार (Ajit Pawar) ने कहा कि नाशिक स्नातक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार शुभांगी पाटिल (Shubhangi Patil) ने उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और मुझसे संपर्क किया है। इस पर बुधवार को अंतिम निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि कांग्रेस ने नाशिक स्नातक पर डॉ. सुधीर तांबे को अधिकृत प्रत्याशी घोषित किया था, लेकिन उनके पर्चा दाखिल नहीं करने से अजीब स्थिति बन गई। महाविकास आघाड़ी में सीटों का बंटवारा होने के वक्त औरंगाबाद (विक्रम काले) सीट राकांपा को और नाशिक सीट कांग्रेस को दी गई थी, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. सुधीर तांबे ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया। उनके नामांकन पत्र दाखिल नहीं करने की वजह क्या है? इस बारे में केवल डॉ. तांबे ही बता सकते हैं। अजित पवार ने कहा कि नाशिक में गड़बड़ होने की जानकारी कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओें को पहले ही दे दी गई थी।
यह कांग्रेस का आंतरिक मामला
अजित पवार ने कहा कि सीट वितरण को लेकर भाजपा बोल रही है। भाजपा को यह अवसर मिला है, इसलिए वह बोल रही है। हालांकि उसके बोलने का कोई मतलब नहीं है। हमने मिलकर बैठकर सही रास्ता अपनाया था, लेकिन नामांकन पत्र नहीं भरने से समस्या खड़ी हो गई। उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस का आंतरिक मामला है। इसमें महाविकास आघाड़ी को शामिल करने का कोई मतलब नहीं है। मैं खुद बात का गवाह था कि तीनों दलों के नेताओं ने बैठकर निर्णय लिया था। इसके चलते महाविकास आघाड़ी में समन्वय नहीं था, मैं इस बात को स्वीकार नहीं करुंगा।
राज्य में निवेश आया तो स्वागत करेंगे
स्विट्जरलैंड के दावोस में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमी फोरम (world economy forum) में मुख्यमंत्री के भाग लेने पर अजित पवार ने कहा कि वहां जाकर अधिक से अधिक निधि लाना चाहिए और आत्मचिंतन और आत्मनिरीक्षण करना चाहिए, क्योंकि कई लाख करोड़ रुपए के निवेश वाली परियोजनाएं बाहर चली गई और कई लाख युवक रोजगार से वंचित हो गए, यह हकीकत है। उन्होंने कहा कि 45 हजार करोड़ के करार और प्रत्यक्ष निवेश को देखना होगा। महाराष्ट्र की भलाई के लिए निवेश आएगा तो यह हमारे लिए खुशी की बात है और इसका स्वागत करेंगे।
हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने में परेशानी नहीं
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने पर देश स्तर पर चर्चा हुई थी, जब हम बात करते हैं तो अंग्रेजी का विश्व भाषा, हिंदी का राष्ट्रभाषा और मराठी का मातृभाषा के रूप में उल्लेख करते हैं, लेकिन मराठी-अंग्रेजी को लेकर भ्रमित होने का कोई कारण नहीं है। ये दोनों भाषाएं व्यापक रूप से बोली जाती हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित नहीं किया है। इस संबंध में केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश राज्यों की एक अलग भूमिका है, लेकिन महाराष्ट्र से लोगों से पूछा जाए तो उन्हें हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को इस बारे में प्रयास करना चाहिए।
आदित्य के सवालों में तथ्य
मुंबई में 400 किलोमीटर की कांक्रीट सड़क निर्माण को लेकर युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे के उठाए गए सवालों पर अजित पवार ने कहा कि इसमें सौ फीसदी तथ्य है। बीएमसी में प्रशासक है, प्रशासक और नगरविकास विभाग की वस्तुस्थिति क्या है, जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे उपस्थित किए गए हैं। इस पर आयुक्त और उनकी टीम का क्या कहना है, यह संपूर्ण राज्य और मुंबईकरों को पता होना चाहिए।
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Tue, Jan 17 , 2023, 07:05 AM