Ind Vs SL Asia Cup 2025: एशिया कप टूर्नामेंट में शुक्रवार को भारत और श्रीलंका (Ind Vs SL) के बीच सुपर-4 चरण का आखिरी मुकाबला बेहद रोमांचक रहा। इस मैच में दोनों टीमों का स्कोर बराबर था, इसलिए मैच का नतीजा निकालने के लिए सुपर ओवर खेलना पड़ा। इसमें भारतीय टीम ने जीत हासिल की। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत ने श्रीलंका (Ind Vs SL) के सामने जीत के लिए 203 रनों का लक्ष्य रखा था। इस लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका ने शुरुआत से ही आक्रामक बल्लेबाजी की। श्रीलंका के पथुम निसांका ने 58 गेंदों में 107 रन बनाकर अपनी टीम को जीत के करीब पहुँचा दिया। हालाँकि, पथुम निसांका (Pathum Nissanka) आखिरी ओवर में आउट हो गए और यह मैच श्रीलंका के हाथ से निकल गया। हालाँकि भारत ने इस करीबी मुकाबले को जीतकर अपनी जीत का सिलसिला जारी रखा, लेकिन श्रीलंका ने इस मैच में सचमुच भारत को शर्मसार कर दिया। इस मैच में भारतीय टीम की कुछ कमियाँ तो रहीं, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच (Ind Vs Pak Final) से पहले भारतीय टीम के लिए कुछ अच्छी चीज़ें भी हुईं।
भारतीय टीम का जीत का सिलसिला जारी रहा
श्रीलंका के खिलाफ मैच में पथुमा निसांका की तूफानी पारी की बदौलत एक समय ऐसा लग रहा था कि भारतीय टीम मैच हार जाएगी। क्रिकेट कमेंटेटर और स्क्रीन पर दिखाए गए विश्लेषण के अनुसार, यह मैच पूरी तरह से श्रीलंका के पक्ष में था। हालाँकि, भारतीय टीम ने संयम बनाए रखा और आखिरी ओवर में मैच का रुख पलट दिया। भारतीय टीम इस साल एशिया कप में एक भी मैच नहीं हारी थी। चूँकि श्रीलंका के खिलाफ मैच एक औपचारिकता थी, इसलिए इसे हारने से भारतीय टीम पर कोई फर्क नहीं पड़ता। हालाँकि, अगर टीम इंडिया यह मैच हार जाती, तो उसकी जीत का सिलसिला टूट जाता। क्रिकेट में गति बहुत महत्वपूर्ण होती है। भले ही आप अच्छा प्रदर्शन कर रहे हों, लेकिन अगर निर्णायक समय पर गति आपके पक्ष में नहीं है, तो कई मैचों के नतीजे बदलते देखे गए हैं। इसलिए, अगर टीम इंडिया पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल से पहले श्रीलंका के खिलाफ मैच हार जाती, तो जीत की लय टूट जाती। इससे टीम इंडिया के मनोबल पर कहीं न कहीं असर पड़ता।
पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले टीम इंडिया मुश्किल में फंसी
भारतीय टीम ने एशिया कप में अब तक लगभग सभी मैच आसानी से जीते हैं। कुछ मुश्किलों को छोड़कर, भारतीय टीम का इस टूर्नामेंट में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। हालाँकि, श्रीलंका के खिलाफ मैच में टीम इंडिया के खिलाड़ियों को एक वास्तविकता का एहसास हुआ। भारतीय टीम को एहसास हुआ कि वे लापरवाह नहीं रह सकते। पिछले ज़्यादातर मैचों में टीम ने भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन की बदौलत जीत हासिल की थी। हालाँकि, श्रीलंका के खिलाफ मैच में टीम ने भारतीय गेंदबाजों और क्षेत्ररक्षण के स्तर पर भी अच्छा प्रदर्शन किया और भारत ने जीत भी हासिल की। इसलिए, यह कहा जा सकता है कि पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच से पहले टीम इंडिया मुश्किल में फंस गई।
भारतीय टीम के मध्यक्रम का शानदार प्रदर्शन
इस साल के एशिया कप में भारतीय बल्लेबाजी की कमान अभिषेक शर्मा के हाथों में थी। भारत के सलामी बल्लेबाज़ों को छोड़कर, मध्य और निचले क्रम के बल्लेबाज़ों का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक़ नहीं रहा। सिर्फ़ अभिषेक शर्मा पर निर्भर होने के कारण टीम इंडिया फ़ाइनल में ख़तरे में थी। हालाँकि, श्रीलंका के ख़िलाफ़ मैच में अभिषेक शर्मा और सूर्यकुमार यादव के आउट होने के बाद, तिलक वर्मा और संजू सैमसन दोनों ने भारतीय टीम की पारी को संभाला। संजू सैमसन ने 39 रन बनाए। जबकि तिलक वर्मा ने नाबाद 49 रन बनाए। दोनों ने सुनिश्चित किया कि भारतीय टीम का रन रेट लगातार 10-11 रन के आसपास बना रहे। इसी की बदौलत भारतीय टीम 200 रनों का आंकड़ा पार कर पाई। इसलिए कहा जा सकता है कि फ़ाइनल में भारतीय टीम पूरी तरह से अभिषेक शर्मा और शुभमन गिल पर निर्भर नहीं रहेगी।
पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मैच से पहले प्रमुख खिलाड़ियों को पर्याप्त आराम: जसप्रीत बुमराह
चूँकि श्रीलंका के ख़िलाफ़ मैच ज़्यादा अहम नहीं था, इसलिए टीम इंडिया ने इस मैच में तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह और शिवम दुबे को आराम दिया था। जबकि हार्दिक पांड्या भी सिर्फ़ एक ओवर फेंकने के बाद पवेलियन लौट गए। खबर थी कि उनकी मांसपेशियों में चोट लग गई है। अगर यह चोट और गंभीर हो जाती, तो हार्दिक पांड्या पाकिस्तान के खिलाफ मैच में पूरी तरह से फिट नहीं हो पाते। इसलिए, टीम इंडिया ने कोई जोखिम नहीं उठाया और श्रीलंका के खिलाफ मैच में हार्दिक पांड्या को ज्यादा देर तक मैदान पर नहीं रहने दिया। नतीजतन, बुमराह और हार्दिक पांड्या दोनों पाकिस्तान के खिलाफ फाइनल मैच से पहले तरोताजा होंगे।
दबाव में भी टीम इंडिया ने पलटा मैच
शुक्रवार को एशिया कप में पहली बार श्रीलंका के खिलाफ खेलते हुए भारतीय टीम संघर्ष करती दिखी। श्रीलंका के पथुमा निसांका के सामने भारतीय गेंदबाज पूरी तरह से बेबस नजर आए। एक समय तो ऐसा लग रहा था कि भारत यह मैच हार जाएगा। भारतीय गेंदबाज भारी दबाव में थे। हालांकि, इस बार भारतीय टीम ने एक अनुभवी पेशेवर टीम की तरह खेला, सही मौके का इंतजार किया और मैच का रुख पलट दिया। तो एक बार फिर, यह देखने को मिला कि मानसिक दबाव में भारतीय खिलाड़ी अपने प्रदर्शन में सुधार करते हैं। फाइनल मैच में टीमों पर निश्चित रूप से काफी दबाव होता है। ऐसे में मनोवैज्ञानिक दबाव एक अहम कारक होता है। भारतीय टीम को फाइनल मैच से पहले श्रीलंका के कारण ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा।
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Sat, Sep 27 , 2025, 02:12 PM