नयी दिल्ली। चुनाव आयोग (Election Commission) के अधिकारियों ने कहा है कि मशीन द्वारा पढ़ी जा सकने वाली मतदाता सूची के संबंध में उच्चतम न्यायालय ने कमलनाथ मामले में एक स्थापित व्यवस्था दे दी है। आयोग के एक अधिकारी ने अपना नाम न बताने की शर्त पर कहा, “ कांग्रेस के नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का एक ही मुद्दे को बार-बार उठाना दर्शाता है कि उनको माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णयों का कोई सम्मान नहीं है।”
इस अधिकारी ने कहा कि गांधी ने गुरुवार की अपनी प्रेस कांफ्रेस में एक घिसी-पिटी पटकथा दोहराई। अधिकारी का कहना था कि 2018 में मध्य प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष कमलनाथ ने यही बात की थी। उस समय उन्होंने एक निजी वेबसाइट से दस्तावेज पेश करके न्यायालय में मतदाता सूची में गलतियां दिखाने का प्रयास किया था, क्योंकि 36 मतदाताओं के लिए एक ही चेहरा दिखाया गया था।”
इस अधिकारी के अनुसार त्रुटियां उससे लगभग चार महीने पहले ठीक कर दी गयी थीं और संशोधित सूची की प्रति मध्य प्रदेश कांग्रेस को प्रदान की गयी थी। लेकिन उन्होंने उसी त्रुटि के आधार पर मतदाता सूची (voter list) का मशीन से सर्च करने योग्य पीडीएफ प्रारूप मांगा था, पर न्यायालय ने कमलनाथ की प्रार्थना को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
अधिकारी ने कहा कि कांग्रेस के नेता अब वही खेल कर्नाटक की सूची में आदित्य वास्तव के नाम को लेकर कर रहे जिनके तीन अलग-अलग राज्यों में होने का आरोप था। अधिकारियों ने बताया कि यह गलती भी महीनों पहले ठीक की जा चुकी है। अधिकारियों ने कहा कि कमलनाथ मामले का न्यायालय का फैसला मशीन द्वारा पढ़े जा सकने वाले दस्तावेज़ के संबंध में एक स्थापित स्थिति प्रदान करता है और एक ही मुद्दे को बार-बार उठाना दर्शाता है कि कांग्रेस के नेता गांधी उच्चतम न्यायालय के निर्णयों का कोई सम्मान नहीं है। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची पर आपत्ति दर्ज करने और अपील करने, दोनों के लिए एक विशिष्ट प्रक्रिया प्रदान करता है। कानूनी प्रक्रियाओं का लाभ उठाने के बजाय, उन्होंने मीडिया में निराधार दावे करके इस मुद्दे को सनसनीखेज बनाने की कोशिश की जा रही।
अधिकारी ने कहा कि यह एक स्थापित व्यवस्था है कि यदि कानून किसी निश्चित चीज़ को एक निश्चित तरीके से करने का विधान है, तो उसे केवल उसी तरीके से किया जाना चाहिए, किसी अन्य तरीके से नहीं। उसने कहा कि यदि श्री गांधी को अपनी बात पर यकीन है, तो उन्हें कानून का सम्मान करना चाहिए और घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करके दावा या आपत्ति करनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि गांधी ने आज बेंगलूर की एक सभा में चुनाव आयोग से पिछले 10 वर्षों की पूरी इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची और सभी वीडियोग्राफी रिकॉर्ड जारी करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी को छिपाना अपराध को छिपाने और चुनाव में भाजपा की मदद करने के समान है।
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Fri, Aug 08 , 2025, 09:41 PM