Crop Insurance Scheme: राज्य सरकार द्वारा फसल बीमा योजना (Crop Insurance Scheme) में किए गए बदलावों के कारण किसान (farmers) इस योजना से मुँह मोड़ते नज़र आ रहे हैं। बीमा योजना (insurance scheme) में शामिल होने की अंतिम तिथि 31 जुलाई थी, लेकिन जलगाँव ज़िले में केवल 5 लाख 87 हज़ार 297 किसानों ने ही बीमा के लिए आवेदन किया है। पिछले साल ज़िले से 11 लाख आवेदन आए थे। कल, 31 जुलाई को फसल बीमा भुगतान की अंतिम तिथि है। इसलिए अब आवेदनों की संख्या बढ़ने की संभावना कम है।
फसल बीमा योजना के लिए आवेदन न करने के कारण
राज्य सरकार द्वारा एक रुपये वाली फसल बीमा योजना बंद करने से किसानों को अतिरिक्त राशि चुकानी पड़ रही है। इस फ़ैसले के कारण किसान इस योजना से मुँह मोड़ते नज़र आ रहे हैं। साथ ही, फसल बीमा योजना के मुआवज़े में किए गए बदलावों से किसानों में नाराज़गी है। अब फसल कटाई प्रयोग के आंकड़ों के आधार पर मुआवज़ा दिया जाएगा। पहले किसानों को चार ट्रिगर के आधार पर मुआवज़ा दिया जाता था, लेकिन अब इसमें हुए बदलाव से किसान नाखुश हैं।
इस संबंध में, किसान संतोष देशमुख (farmer Santosh Deshmukh) ने कहा, 'मैंने इस साल फसल बीमा नहीं भरा, क्योंकि पिछले साल भी भरा था, लेकिन कम पैसे मिले थे। हम सरकार से नाखुश हैं, उनके पास कुछ समझौते हैं।' एक अन्य किसान ने कहा, 'मैंने फसल बीमा भरा है, पिछले साल भी भरा था, लेकिन पैसे नहीं मिले। अब मैंने एक हेक्टेयर के लिए फसल बीमा भरा है। पिछले साल नहीं मिला था, इस साल मिलने की उम्मीद है।'
किसान रामदास नीलेवार ने कहा, 'जब हमने एक रुपये में फसल बीमा भरा था, तब हमें 970 रुपये मिले थे। अब फसल बीमा भरने में एक हज़ार रुपये लगते हैं, इसलिए हमने अब फसल बीमा नहीं भरा। नुकसान होने पर भी हमें फसल बीमा नहीं मिलता, इसलिए हमने आवेदन नहीं किया।'
एक अन्य किसान, संदीप कुमार देशमुख ने कहा कि फसल बीमा कंपनी ने हाथ खींच लिए हैं। पहले किसानों को 25% मुआवज़ा मिलना था, लेकिन अब नहीं मिलेगा। अगर 15 से 21 दिन तक बारिश नहीं होती है, तो फसल बीमा नहीं मिलेगा। फसल कटाई के दौरान होने वाले नुकसान पर भी असर पड़ा है। सरकार और फसल बीमा कंपनी द्वारा किए गए नए बदलावों से किसानों में भारी उदासीनता है। पिछले पाँच सालों में महाराष्ट्र में फसल बीमा कंपनी को 50 हज़ार करोड़ रुपये का मुनाफ़ा हुआ है। किसान इसलिए नाराज़ हैं क्योंकि सरकार फसल बीमा कंपनी के लिए काम करती है। किसान इसलिए नाराज़ हैं क्योंकि एक रुपये में मिलने वाला फसल बीमा बंद कर दिया गया है।
किसान प्रतापराव देशमुख ने कहा कि सरकार को किसानों से कोई सरोकार नहीं है। मंत्री रम्मी खेल रहे हैं, इसलिए उन्हें किसानों का दर्द समझ नहीं आ रहा। बीमा कंपनी और सरकार मिलीभगत से काम कर रहे हैं। अब एक रुपये के फसल बीमा के लिए 1100 रुपये देने होंगे।
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Wed, Jul 30 , 2025, 07:09 PM