DDLJ box office collection: यशराज फिल्म्स (YRF) की फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' (DDLJ) को रिलीज हुए 29 साल हो चुके हैं। हालांकि, यह फिल्म आज भी दर्शकों को खूब पसंद आती है। राज और सिमरन की प्रेम कहानी (love story of Raj and Simran) आज भी दर्शकों के दिलों में बसी है। इस फिल्म ने न सिर्फ यशराज फिल्म्स (Yash Raj Films) की सबसे सफल फिल्मों में से एक के तौर पर नाम कमाया है, बल्कि मुंबई के मराठा मंदिर सिनेमा में लगातार 1,000 हफ्तों तक रिलीज होने वाली पहली फिल्म बनकर ऐतिहासिक उपलब्धि भी हासिल की है।
लेकिन बहुतों को शायद यह नहीं पता होगा कि 1995 में रिलीज हुई यह फिल्म उस समय प्राप्त कुल रेवेन्यू की तुलना में आज दूसरी सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म है। उस समय DDLJ ने करीब 61 करोड़ रुपये कमाए थे। आज के मूल्य में यह रकम करीब 302 करोड़ रुपये थी। इससे पहले 1994 में सलमान खान और माधुरी दीक्षित की 'हम आपके हैं कौन (Hum Aapke Hain Kaun)' आई थी, जिसने आज की तारीख में 354 करोड़ रुपए कमाए हैं।
मराठा मंदिर में आज भी हर दिन (सुबह 11.30 बजे) एक शो दिखाया जाता है। इस शो का टिकट औसतन 40 या 60 रुपए का होता है। थिएटर और स्टूडियो के बीच लेन-देन 'किराए के सिद्धांत' पर आधारित होता है। पिछले कुछ हफ्तों में फिल्म को देखने वाले दर्शकों की औसत प्रतिक्रिया 40% रही है। शनिवार और रविवार को 'हाउसफुल' का बोर्ड भी लगा दिया जाता है।
इंडस्ट्री एनालिस्ट के मुताबिक, फिल्म को कुल 1 करोड़ दर्शक मिले होंगे और इससे इसने करीब 14 से 16 करोड़ रुपए कमाए होंगे। इस तरह 19 सालों में डीडीएलजे की कुल कमाई करीब 77 करोड़ रुपए रही। डीडीएलजे बतौर डायरेक्टर आदित्य चोपड़ा की पहली फिल्म थी। इस फिल्म ने जीपी सिप्पी की 'शोले' का रिकॉर्ड तोड़ा था। मुंबई के मिनर्वा थिएटर में लगातार 5 साल तक 'शोले' दिखाई गई।
1975 में रिलीज हुई 'शोले' ने उस समय 15 करोड़ रुपए कमाए थे, जो आज करीब 187 करोड़ रुपए है। यूरोप और पंजाब की पृष्ठभूमि पर बनी डीडीएलजे भारत और विदेशों में काफी हिट रही। इस फिल्म ने विदेशों में करीब 10 करोड़ रुपए कमाए। फिल्म विश्लेषकों के मुताबिक डीडीएलजे की सफलता शाहरुख और काजोल की केमिस्ट्री के अलावा प्रेम कहानी के प्रस्तुतिकरण की वजह से भी है।
फिल्म के संवाद और संगीत सफलता के अहम बिंदु थे। इस फिल्म की मार्केटिंग भी उतनी ही आकर्षक थी - शाहरुख की टोपी पहने और काजोल को कंधे पर बिठाए हुए फोटो आज भी दर्शकों को याद है।
बॉक्स ऑफिस विश्लेषक सुनील वाधवा कहते हैं, "आप किसी भी चीज़ पर फ़िल्म बना सकते हैं, बशर्ते उसमें दर्शकों तक पहुँचने की पकड़ हो। सिनेमा एक ऐसी कला है जो आपको अकेलेपन के एहसास को भुला देती है। दर्शक उस रचना में खो जाते हैं, खुद को उस कहानी में देखते हैं।"
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Mon, Jun 16 , 2025, 03:03 PM