नयी दिल्ली। कांग्रेस ने कहा है कि मोदी सरकार पहलगाम हमले (Pahalgam attack) को लेकर अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए सिंदूर को ढाल बनाकर काम कर रही है और इसके लिए उसने पहले ‘ऑपरेशन सिंदूर’(Operation Sindoor) की सफलता का श्रेय लेने का पूरा प्रयास किया और अब उससे आगे निकलते हुये घर-घर सिंदूर बांटने की बात कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक (Ragini Nayak) ने गुरुवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की सफलता के सहारे राजनीति करते हुए पहले इसका श्रेय लेने की पूरी कोशिश कर चुकी है और इसके लिए उसके नेताओं ने श्री मोदी को महिमामंडित करते हुए सैनिकों की बहादुरी तथा पहलगाम हमले की विधवाओं का भी अपमान किया है और अब इससे आगे निकलकर सिंदूर के नाम पर सियासत करते हुये घर-घर सिंदूर बांटने की सनातन विरोधी काम करने को तैयार है। उनका कहना था कि श्री मोदी अपने प्रचार के लिए कुछ भी कर सकते हैं। पहले उन्होंने कोविड टीके के सर्टिफिकेट पर अपनी फोटो छपवा ली थी और अब वह सिंदूर की डिब्बी पर भी अपनी फोटो छपवा सकते हैं।
उन्होंने भाजपा को हिंदू धर्म की स्वघोषित ठेकेदार पार्टी करार देते हुये कहा कि भाजपा जानती है कि सनातनी विवाहित महिला की मांग में सिंदूर उसका पति ही सजाता है या फिर उसे ससुराल या सौभाग्य के आशीर्वाद के रूप में शक्ति पीठ या मंदिर से मिलता है, लेकिन भाजपा सरकार सब जानते हुए भी सिंदूर के नाम पर सियासत करने से बाज नहीं आ रही है। अब सवाल यह है कि जिन बहनों का सिंदूर उजाड़ा गया है, भाजपा-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के लोग आखिर किस मुंह से उन महिलाओं के बीच जाकर सिंदूर बांटेंगे। जिन महिलाओं का सुहाग आतंकवादियों ने उजाड़ा है, उन आतंकवादियों को अब तक मौत के घाट नहीं उतारा गया है।
कांग्रेेस प्रवक्ता ने कहा, “ सिंदूर का रंग अलग-अलग हो सकता है, लेकिन एक सनातनी विवाहिता के लिए सिंदूर उसकी पहचान है और भाजपा तथा संघ के लोगों को समझाना चाहिए कि सिंदूर प्रतीक है- सुहाग का, सम्मान का, सौभाग्य का, प्रेम के बंधन का, विश्वास के राग का, सुख-दुख के मेल का, सात जन्मों के साथ का और बुरी नजर को भस्म करने वाली एक चुटकी आग का। सिंदूर विवाहिता की मांग को सजाता है और भारत की नारी शक्ति की आन-बान और शान है। उसी मांग के सिंदूर का दुरुपयोग आत्ममुग्धता की पराकाष्ठा से लिप्त भाजपा ओछी राजनीति में इस्तेमाल करेंगे और इसकी घोषणा सरकार कर भी चुकी है। भाजपा सरकार अपनी राजनीतिक और कूटनीतिक विफलता छिपाने के लिए मांग के सिंदूर को ढाल बनाना चाहती है। सेना के पराक्रम का श्रेय बटोरने के लिए हथकंडे अपनाये जा रहे हैं। ”
कांग्रेस नेता ने कहा कि अपमानजक बात यह है कि मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। इसी तरह से भाजपा सांसद रामचंद्र जांगड़ा कहते हैं कि वे महिलायें वीरांगना नहीं थीं, जिनके पति आतंकवादियों की गोली का शिकार हुये हैं। इस तरह की बयानबाजी करने वाले भाजपा नेताओं की फेहरिस्त अंतहीन है और जब तक ऐसे नेताओं को भाजपा निकालती नहीं है, तब तक भाजपा को अपनी नाक चुल्लू भर पानी में डालकर ही रखनी चाहिए।
उन्होंने मोदी सरकार के 11 साल के कार्यों का लेखा-जोखा बताते हुये सवाल किया, “नोटबंदी में जिन 200 लोगों की अपना पैसा निकालते हुये जान चली गयी, उनकी विधवाओं की सिंदूर की गवाही कौन देगा। कोविड में मरघटों में 24 घंटे लाशें जलती थीं, गंगा जी का घाट लाशों से पट गया, उनकी उजड़ी मांग की गवाही कौन देगा। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ 700 किसान शहीद हुये हैं, उनकी पत्नियां भी अपनी सूनी मांग लिये बैठी हैं, क्या उनके घर भी सिंदूर लेकर जायेंगे।”
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Thu, May 29 , 2025, 08:10 PM