नयी दिल्ली। प्रमुख सहकारी संस्था इफको (IFFCO) ने वित्त वर्ष 2024-25 में नैनो उर्वरकों की बिक्री में 47 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और 3,811 करोड़ रुपये का मुनाफ़ा दर्ज कर शानदार सफलता हासिल की है। इफको के अध्यक्ष दिलीप संघानी (Dilip Sanghani) ने गुरुवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि यह देश के पूरे सहकारी क्षेत्र के लिए गर्व की बात है कि इफको के शानदार विकास के आंकड़े ‘सहकार से समृद्धि’ के सपने को साकार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि समिति ने लगातार तीन वित्तीय वर्षों में 3000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ दर्ज किया है। उन्होंने कहा कि पिछले 23 लगातार वर्षों से इफको ने अपने सदस्यों को चुकता शेयर पूंजी पर 20 प्रतिशत लाभांश देकर पुरस्कृत किया है।
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 365 लाख बोतलों में से 268 लाख बोतलें इफको नैनो यूरिया प्लस (लिक्विड) और 97 लाख बोतलें इफको नैनो डीएपी (लिक्विड) की बेची गयीं। वित्त वर्ष 2023-24 की तुलना में इफको नैनो यूरिया प्लस (लिक्विड) की बिक्री 31 प्रतिशत और इफको नैनो डीएपी (लिक्विड) की बिक्री 118 प्रतिशत अधिक है। यह बिक्री मात्रा 12 लाख टन पारंपरिक यूरिया और 4.85 टन पारंपरिक डीएपी के बराबर है। इफको के प्रबंध निदेशक डॉ उदय शंकर अवस्थी (Dr Uday Shankar Awasthi) ने कहा कि इफको मिट्टी में मूल खुराक के रूप में प्रयोग के लिए दानेदार रूप में नैनो एनपीके उर्वरक भी उपलब्ध करायेगा। नैनो एनपीके उर्वरक मैग्नीशियम, सल्फर, जिंक और कॉपर से समृद्ध है, जो फसल उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेगा और पोषक तत्वों के नुकसान को कम करेगा। लिक्विड नैनो यूरिया प्लस और लिक्विड नैनो डीएपी के साथ यह मिट्टी से पारंपरिक रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को खत्म कर सकता है। यह प्राथमिक पोषक तत्वों की उच्च उपयोग दक्षता के साथ संतुलित पोषण को और बढ़ावा देगा।
श्री अवस्थी ने कहा कि इफको सूक्ष्म पोषक तत्वों की जरूरत को पूरा करने के लिए 100 मिलीलीटर की बोतल के आकार में तरल रूप में नैनो जिंक, नैनो कॉपर भी लॉन्च करेगा। नैनो प्रौद्योगिकी, ड्रोन प्रौद्योगिकी, एआई प्रौद्योगिकियों को शामिल करके, इफको देश भर में कृषि और खाद्य मूल्य श्रृंखला को बदल रहा है। इफको ने 40 से अधिक देशों में अपनी उपस्थिति का विस्तार किया है, जिसमें अमेरिका, ब्राजील, स्लोवेनिया, मॉरीशस, जाम्बिया, नेपाल और बंगलादेश में उत्कृष्ट प्रदर्शन और कम उर्वरक उपयोग दर्ज किया गया है। उन्होंने स्वदेशी आविष्कारों के साथ ‘देशी’ बीजों को संरक्षित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और कहा कि इसी तर्ज पर इफको ने कलोल इकाई में एक अत्याधुनिक बीज नवाचार केंद्र बनाने की पहल भी की है।
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान इफको ने एक जुलाई 2024 से एक राष्ट्रव्यापी ‘मॉडल नैनो विलेज/क्लस्टर परियोजना’ भी शुरू की है, जिसमें 2000 एकड़ में फैले 203 गांव क्लस्टरों का चयन किया गया है। यह फसल उत्पादकता और गुणवत्ता में वृद्धि के साथ थोक उर्वरकों के उपयोग को कम करने के लिए नैनो उर्वरकों को अपनाने में अग्रणी हैं। पांच लाख एकड़ को कवर करने वाले नैनो विलेज पोर्टल में 90,000 से अधिक किसान पंजीकृत हैं, जिनमें से 40,000 किसानों ने इफको नैनो उर्वरकों और सागरिका की 5.30 लाख से अधिक बोतलें खरीदी हैं और 72,000 एकड़ में कृषि ड्रोन द्वारा छिड़काव किया है। इस परियोजना के कारण रासायनिक उर्वरक के उपयोग में 28.73 प्रतिशत की कमी आई और फसल की पैदावार में 5.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
श्री अवस्थी ने बताया कि इफको ने भारत के 15 कृषि जलवायु क्षेत्रों में 1,470 दो-प्लाट प्रदर्शन (नैनो यूरिया प्लस के लिए 200 और नैनो डीएपी के लिए 1,270) किये। इन परीक्षणों में पारंपरिक तरीकों की तुलना में नैनो डीएपी के लिए 5.27 प्रतिशत और नैनो यूरिया के लिए 5.28 प्रतिशत की औसत उपज वृद्धि दर्ज की गयी। इफको ने 2.5 लाख से अधिक स्प्रेयर वितरित किये और किसानों को इफको नैनो यूरिया और नैनो डीएपी के छिड़काव के लिए कृषि ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए “इफको किसान ड्रोन” की शुरुआत की। इफको ने इफको नैनो यूरिया और नैनो डीएपी (तरल) के उपयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर (ईवी) के साथ 1764 ड्रोन खरीदे और किसानों को स्प्रे सेवाये प्रदान करने के लिए ग्रामीण उद्यमियों को प्रशिक्षण प्रदान किया।
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Thu, May 29 , 2025, 06:43 PM