झांसी में भीषण गर्मी में चरमरायी बिजली व्यवस्था, लोग बेहाल, विभाग नाकाम

Thu, May 22 , 2025, 02:58 PM

Source : Uni India

झांसी। बुंदेलखंड के झांसी (Jhansi of Bundelkhand) में इन दिनों बिजली विभाग की नाकामी चरम पर है और लगभग पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी महानगर की बिजली व्यवस्था को सुचारू करने में विद्युत विभाग नाकाम (power department seems) नजर आ रहा है। इसी का नतीजा है कि लोग इस भीषण गर्मी में दिन-रात बिजली की घंटों हो रही कटौती से बेहाल हैं। झांसी में इन दिनों पारा 44-45 के आस पास या पार तक जा रहा है और बुधवार को तो यह 46 पार कर गया, ऐसे में लंबे समय से यहां आमलोग बिजली की जबरदस्त किल्लत से जूझ रहे हैं। हालात इतने बदतर हैं कि झांसी का महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज (Maharani Laxmibai Medical College of Jhansi) भी बिजली की भीषण किल्लत से नहीं बच पाया है। 

मेडिकल कॉलेज में बुधवार देर रात हुई बिजली की कटौती के बाद जनरेटरों की मदद से किसी तरह विभिन्न विभागों में व्यवस्था को बनाये रखने का काम किया गया। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ़ मयंक सिंह ने आज बताया कि बुधवार देर रात मेडिकल कॉलेज की बिजली गुम हो गयी, ऐसे में विभिन्न विभागों में काम कर रहे 14 जनरेटरों ने बैकअप देना शुरू किया लेकिन रात 12 बजे के आस पास नदारद हुई बिजली सुबह आठ बजे के बाद आयी। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में इतने अधिक समय के लिए बिजली न होने से जनरेटरों की मदद से मेडिकल में काम व्यवस्थित तरीके से चलाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पडा।

इमरजेंसी में अत्याधुनिक मशीनों से होने वाली जांच प्रभावित हुई क्योंकि बाकी लोड के साथ इन मशीनों का सामान्य रूप से काम कर पाना संभव नहीं हो पाया। डॉ़ सिंह ने भी बिजली की इतनी लंबी कटौती से मेडिकल कॉलेज के सामान्य कामकाज के प्रभावित होने की बात की। उन्होंने कहा कि झांसी मेडिकल कॉलेज में आस पास के क्षेत्रों से आने वाले मरीजों की तादाद बहुत अधिक है और इमरजेंसी में भी काफी भीड़ रहती है। ऐसे में यदि लंबे समय तक बिजली नहीं आती है तो तमाम तरह की परेशानियां आती हैं। विद्युत विभाग को जिलाधिकारी ने भी महानगर की बिजली व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए जल्द से जल्द प्रभावी कदम उठाने और रोस्टर तैयार करने, कटौती से पहले लोगों को सूचित करने के निर्देश दिये हैं लेकिन विभाग इन सभी निर्देशों का पालन कर पाने में फिलहाल तो पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। 

जिस फीडर की ओवरलोडिंग होती है वहां की बिजली काट दी जाती है और इसकी सूचना सोशल मीडिया पर देने की बात कहकर अधिकारी अपने कर्तव्य की इतिश्री करते नजर आ रहे हैं। दूसरी ओर लोगों को कुछ पता नहीं होता कि किस समय बिजली चली जायेगी और कब आयेगी। जिलाधिकारी ने बिजली विभाग के अधिकारियों को फोन नही उठाने को लेकर भी फटकार लगायी गयी है। महानगर में 16 पावर हाउस हैं जिनसे विभिन्न फीडर निकले हैं जिस पर भी ओवरलोड होता है तुरंत वहां की बिजली काट दी जाती है। इनमें से पांच बिजलीघर मुन्नालाल, जेल चौराहा, रानीमहल, सीपरी और हाइडिल तो ओवरलोडिंग से बुरी तरह हलकान हैं और इसी का नतीजा कि विभिन्न इलाकों में अघोषित और लंबी कटौती की जा रही है।

यूं तो गर्मी से पहले विभाग की ओर से सभी तरह की तैयारियां पूरी कर लिए जाने के जबरदस्त दावे किये गये थे और आरडीएसएस और बिजनेस प्लान के तहत केबल बदले जाने का काम किया गया और लंबे फीडरों को भी दो हिस्सों में बांटा गया । इतना ही नहीं ट्रांसफार्मरों की क्षमता बढाये जाने के भी दावे किये गये लेकिन गर्मी बढ़ने के साथ सभी दावों की हवा निकल गयी और आम जनता समय से बिजली बिल का भुगतान करने के बाद भी दिन रात टकटकी लगाये घर के पंखों के हिलने के इंतजार में बैठी है।

अधीक्षण अभियंता चंद्रजीत प्रसाद ने आज यूनीवार्ता से खास बातचीत में माना कि विभाग द्वारा 16 पावर हाउस में से तकरीबन चार से पांच की क्षमता 25 मेगावाट बढाये जाने के बाद भी आपूर्ति अबाध नहीं हो पा रही है क्योंकि लोड 40 प्रतिशत तक बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोड बढा है ऐसे में एक से डेढ़ महीना यह दिक्कत ऐसे ही बनी रह सकती है। महानगर का कोई भी इलाका बिजली की भारी कटौती से अछूता नहीं है। सिविल लाइंस निवासी वीरेंद्र कुशवाहा ने कहा आज कल लाइट कब जायेगी कोई ठिकाना नहीं । लंबे समय से यही हालात बने रहने की वजह से दिनचर्या बुरी तरह से प्रभावित है।

 सीपी मिशन कम्पाउंड निवासी राघव पटैरिया भी दिन रात बिजली की कटौती से हलकान हैं। वह कंपटीशन की तैयारी कर रहा है लेकिन बिजल न आने से पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित है। शिवाजी नगर निवासी आकांक्षा ने बताया कि एक तो बिजली नहीं आती ऊपर से सब स्टेशन से कोई जानकारी भी नहीं दी जाती। एक महीने का बिल न चुकाने पर बिजली विभाग के कर्मचारी लाइट काटने तो पहुंच जाते हैं लेकिन अब इतने समय से लाइट की हो रही दिक्कत पर कोई जवाब देने सामने नहीं आता।

बिजली न आने से हलकान लोग महानगर में कहीं न कहीं लगभग रोजाना ही प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन इसके बावजूद उन्हें बिजली की किल्लत से कोई निजात नहीं मिल पा रही है। इस प्रकार की दिक्कतों को देखते हुए जनप्रतिनिधियों ने पत्रों के माध्यम से प्रदेश ऊर्जा मंत्री को भी झांसी के हालात के बारे में जानकारी दी है,कुछ ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर वस्तुस्थिति से अवगत कराने की बात कही है लेकिन इस सब के बावजूद महानगर में बिजली की जबरदस्त किल्लत से आम लोगों को फिलहाल तो कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।

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