ढाका। बंगलादेश में एक इस्लामी संगठन ने ढाका के तंगाली जिले के एक पुस्तकालय में लूटपाट कर उन पुस्तकों को चुरा लिया जिनके बारे में उनका दावा है कि वे ‘नास्तिकों’ द्वारा लिखी गई हैं। इनमें नोबेल पुरस्कार विजेता कवि रवींद्रनाथ टैगोर (Rabindranath Tagore) और काजी नजरुल इस्लाम की पुस्तकें भी शामिल थीं जिन्हें देश में राष्ट्रीय महत्व का प्रतीक माना जाता है। इस्लामी चरमपंथ के बढ़ते प्रभाव और बंगलादेश के धर्मनिरपेक्ष-बहुलवादी ताने-बाने के क्षय को दर्शाते हुए कट्टरपंथियों ने तंगैल धनबारी के उपजिला में खुलेआम एक पुस्तकालय में लूटपाट की।स्थानीय पुलिस ने उन्हें रोकने का कोई प्रयास नहीं किया।
‘खिलाफत मजलिस’ नामक एक कट्टरपंथी समूह (Fundamentalist group) ने इस आधार पर पुस्तकें चुराईं कि इस जगह पर काजी नजरुल इस्लाम, रवींद्रनाथ टैगोर, जफर इकबाल, हुमायूं आजाद, हुमायूं अहमद आदि जैसे ‘नास्तिक लेखकों’ की पुस्तकें रखी हुई हैं। ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक समूह ने लगभग 400 पुस्तकें चुरा लीं । इस बीच इस लूटपाट को सही ठहराते हुए समूह के धनबारी उपजिला संगठन सचिव गोलम रब्बानी उर्फ रिशाद अमीन (Rishad Amin) ने सोशल मीडिया पर लिखा,“धनबारी में नास्तिकता के लिए कोई जगह नहीं होगी। यह हमारा अंतिम बयान है। हमें एक ऐसी फैक्ट्री मिल गई है जो नास्तिक बनाती है।”
उन्होंने कहा, “अपनी फैक्ट्री बंद करो और तुरंत धनबारी छोड़ दो। तुम लंबे समय से सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके पाखंड करते आ रहे हो। अब तुम्हें यह मौका नहीं मिलेगा। चलो साफ हो जाओ।” लूटपाट की इस घटना के बारे में बताते हुए पुस्तकालय के महासचिव दुर्जय चंद्र घोष (Chandra Ghosh) ने कहा,“रात में धार्मिक वेश धारण किए 20-25 लोग पुस्तकालय में घुस आए और तरह-तरह की धमकियां देने लगे। उन्होंने किताबें बैग में भरने और पुस्तकालय में कोई भी किताब नहीं रहने देने की बाते कही।” घोष ने बताया कि हमला करने वाले लोगों ने कहा कि जफर इकबाल नास्तिक हैं और उसकी सारी किताबें ले जाओ। यहां लोग नास्तिको की किताबें पढ़ते हैं। उस समय भीड़ में से एक ने कहा,“तुम्हें यह पुस्तकालय नहीं मिलेगा। यहां जफर इकबाल की किताबें हैं। ऊपर से आदेश है कि इसे नष्ट कर दो और जला दो।
” फिर वे किताबों को बैग में भरने लगे। खुफिया पुलिस की मौजूदगी के बावजूद उन्होंने चार सौ से ज्यादा किताबें लूट लीं। गौरतलब है कि बंगलादेश में मोहम्मद यूनुस सरकार इस्लामी समूहों को संरक्षण देने के साथ ही उन मौलवियों और सलाहकारों को अपना पूर्ण समर्थन दे रही है जिन्होंने खुलेआम भारत विरोधी बातें फैलाई हैं और हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले करने का आह्वान किया है। ये मौलवी मुजीबवाद के विनाश और संविधान से धर्मनिरपेक्षता शब्द को हटाने की मांग भी कर रहे हैं।
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Tue, Apr 29 , 2025, 08:43 PM