अलवर। राजस्थान में अलवर जिले के सरिस्का बाघ अभयारण्य (Sariska Tiger Reserve) में एक बाघिन ने तीन शावकों को जन्म दिया है। इसका पहला चित्र सामने आते ही सरिस्का प्रशासन (Sariska administration), वन्यजीव प्रेमियों और वन विभाग (wildlife lovers and forest department) के अधिकारियों में खुशी की लहर दौड़ गई है। वन विभाग के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि इनके साथ ही अब बाघों की संख्या बढ़कर 44 हो गई है। इनकी बढ़ती संख्या को देखते हुए सरिस्का का लगातार विस्तार हो रहा है। सभी नर बाघ अपना क्षेत्र बनाने के लिए अलवर शहर से लगते जंगल के मध्यवर्ती और मुख्य क्षेत्र के आसपास विचरण कर रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि राजस्थान स्थित सरिस्का बाघ संरक्षित अभयारण्य में एसटी 30 बाघिन को तीन शावकों के साथ देखा जाना वन्यजीव संरक्षण प्रयासों के लिये एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में माना जा रहा है। यह बाघ पुनर्स्थापन कार्यक्रम के लिए मील का पत्थर है। वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा की गई नियमित निगरानी गश्त के दौरान इन्हें देखा गया था। करीब दो महीने के शावक बाघिन के साथ स्वस्थ देखे गये। एसटी 30 बाघिन द्वारा पहली बार बच्चों को जन्म दिया गया है, जिसे 2023 में रणथंभौर से लाकर टेहला रेंज के भगानी क्षेत्र में छोड़ा गया था।
एसटी 30 सरिस्का के बाघ पुनर्स्थापन नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है और उसकी सफल प्रजनन प्रक्रिया संरक्षित अभयारण्य की सुधरती आवासीय स्थिति और प्रभावी प्रबंधन प्रयासों का सकारात्मक संकेत है। बाघ संरक्षण प्राधिकरण ने बाघिन और उसके शावकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निगरानी बढ़ा दी है, जिसमें कैमरा और जमीनी गश्त करके मानवीय हस्तक्षेप को न्यूनतम किया जा रहा है।
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Tue, Apr 29 , 2025, 04:09 PM