देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand Chief Minister Pushkar Singh Dhami) की अध्यक्षता में मंगलवार शाम हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 27 विभिन्न विषयों पर निर्णय लिए गए। इसमें किसानों और कृषि उत्पादों से संबंधित कई महत्वपूर्ण फैसले हुए हैं। मुख्यमंत्री ने बैठक के बाद कहा, ''किसानों की आय बढ़ाने एवं नकदी फसलों के अधिक उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आज मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। कीवी, ड्रैगन फ्रूट, सेब जैसी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने एवं इनके भंडारण की क्षमता को बढ़ाने के लिए 70-80 प्रतिशत तक अनुदान दिए जाने का निर्णय लिया गया। इससे पलायन को रोकने में भी मदद मिलेगी।
कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग के अंतर्गत राज्य में कीवी उत्पादन को आधुनिक/वैज्ञानिक पद्धति के माध्यम से बढ़ावा दिये जाने के लिए ''उत्तराखण्ड कीवी नीति-2025'' (Uttarakhand Kiwi Policy-2025) प्रस्तावित की गई है। जिसमें जनपद हरिद्वार एवं उधमसिंहनगर को छोड शेष जनपदों में कियान्वयन किया जाना है। प्रस्तावित नीति में कीवी उद्यान स्थापना को कुल लागत 12.00 लाख प्रति एकड़ का 50 से 30 प्रतिशत तक राज सहायत्ता का प्राविधान है एवं शेष अंश लाभार्थियों द्वारा वहन किया जाएगा। जबकि पर्वतीय क्षेत्रों में सूक्ष्म खारा उद्यमों को बढ़ावा दिये जाने को मुख्यमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना में सोर्टिंग, ग्रेडिंग इकाई को सम्मिलित किये जाने पर सहमति व्यक्त की गई।
मंत्रिमंडल ने राज्य में सेब के 'ए' एवं 'बी' ग्रेड फलों के उचित भण्डारण, सॉटिंग ग्रेडिंग, पैकेजिंग एवं समयान्तर्गत उचित ढुलान की व्यवस्था एवं उनके उत्पादों का उचित मूल्य प्रदान कराने के लिए सॉटिंग-ग्रेडिंग इकाई, सी०ए० स्टोरेज, रोपवे की स्थापना को नई योजना प्रस्तावित की है। उत्तराखण्ड स्टेट मिलेट्स पॉलिसी 2025-26 के तहत मंडुवा/डांगोरा (सॉवा) / रामदाना/कौणी/चीना मिलेट्स की खेती के तहत क्षेत्रफल को बढ़ावा देने तथा मिलेट मिशन की व्यापकता को देखते हुए एक सर्वांगीण मिलेट पॉलिसी तैयार की गयी है।
राज्य में संस्कृत के प्रचार-प्रसार एवं उसके सार्वभौमीकरण के लिए राज्य के प्रत्येक जनपद में एक-एक अर्थात् कुल 13 ग्रामों को संस्कृत ग्राम घोषित करने का संकल्प कैबिनेट ने किया है। वित्त विभाग के अन्तर्गत, लेखा संवर्ग के कुशल प्रबंधन को विभिन्न राजकीय विभागों (कोषागार विभाग को छोड़) में उपलब्ध अधीनस्थ लेखा संवर्ग के पदों को पुनर्गठित / एकीकृत करते हुए, उक्त पदों के सापेक्ष तैनात कार्मिकों का प्रशासकीय नियंत्रण निदेशालय, विभागीय लेखा को प्रदान किये जाने के निमित्त 'उत्तराखण्ड राजकीय विभाग अधीनस्थ लेखा संवर्ग (अराजपत्रित) सेवा नियमावली, 2019 के नियम-4, 5, 10, 18 एवं 22 में संशोधन करते हुए उत्तराखण्ड राजकीय विभाग अधीनस्थ लेखा संवर्ग (अराजपत्रित) सेवा (प्रथम संशोधन) नियमावली, 2025 प्रख्यापित किये जाने का प्रस्ताव किया गया है।
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अंतर्गत, विश्व बैंक पोषित अर्द्धनगरीय क्षेत्रों के लिए उत्तराखण्ड पेयजल कार्यक्रम के कुल परिव्यय को 975.00 करोड़ रुपये से 1042.00 करोड़ रुपये किये जाने का निर्णय लिया गया। वित्त अनुभाग-9 के अंतर्गत, सम्पर्वतक (प्रमोटर) एवं आवंटियों के संघ (रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन) के मध्य पंजीकृत विलेखों के माध्यम से सम्पत्ति अंतरित किये जाने पर प्रभार्य स्टाम्प शुल्क में छूट प्रदान किये जाने का फैसला किया गया है। सूचना प्रौद्योगिकी, सुराज एवं विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के अन्तर्गत, संचालित स्वायत्तशासी संस्था उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र (यू-सर्क) का स्वायत्तशासी संस्था उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यू-कॉस्ट) में समामेलन किये जाने का भी निर्णय कैबिनेट ने आज जी बैठक में ले लिया।
सिरौलीकलां क्षेत्र को नगर पालिका के रूप में गठित किये जाने पर भी फैसला हो गया है। उत्तराखण्ड आवास एवं विकास परिषद के ढांचे का पुनर्गठन करने पर भी मोहर लगा दी गई है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग में औषधि नियंत्रक अब पदेन अपर खाद्य संरक्षा एवं औषधि आयुक्त होगा। सिंचाई विभाग अंतर्गत,जनपद देहरादून के सदर तहसील के अंतर्गत, रिस्पना नदी के तटों पर शिखर फॉल से मोथरोवाला संगम तक बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण की अधिसूचना जारी की जायगी।
सिंचाई विभागान्तर्गत, वैज्ञानिक संवर्ग के प्रतिरूप सहायक के वेतनमान उच्चीकृत किये जाने पर भी फैसला ले लिया गया। इसके अलावा, उत्तराखण्ड अधीनस्थ अभियन्ता (यांत्रिक) सिंचाई विभाग सेवा नियमावली, 2018 के नियम-5 (1) (घ) तथा नियम-8 में संशोधन किये जाने को स्वीकृति दी गई। गृह अनुभाग 04 में उत्तराखण्ड प्राइवेट सुरक्षा अभिकरण (संशोधन) नियमावली, 2025 अधिसूचित करने का फैसला लिया गया।
कैबिनेट ने, राज्य में समान नागरिक संहिता जो दिनांक 27 जनवरी 2025 से प्रवृत्त हो चुकी है, जिसके माध्यम से समान नागरिक संहिता पोर्टल पर नागरिकों के विवाह, विवाह-विच्छेद, सहवासी संबंध, उत्तराधिकार आदि का पंजीकरण किया जा रहा है। पोर्टल के सुचारू संचालन हेतु उप निबंधक के कार्यक्षेत्र की अधिकारिता एवं उप निबंधक के दायित्वों के निर्वहन हेतु नामित अधिकारी के प्रावधान में संशोधन की आवश्यकता पर भी सहमति व्यक्त की। इसके अलावा, कई अन्य विषयों पर भी कैबिनेट ने फैसले लिए हैं।
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Wed, Apr 16 , 2025, 08:58 AM