जयपुर। राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत (Suresh Singh Rawat) ने कहा है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के भागीरथी प्रयासों से राज्य सरकार पूर्वी राजस्थान में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए संकल्पित होकर आगे बढ़ रही है और जीवनदायिनी संशोधित पार्वती कालीसिंध चम्बल परियोजना (Revised Parvati Kalisindh Chambal Project) (एकीकृत ईआरसीपी ) के कार्यों को पूर्ण पारदर्शिता और समयबद्धता से किया जा रहा है। रावत ने रविवार को यह बात कहते हुए बताया कि परियोजना के पैकेज प्रथम में कूल नदी (Kool river) पर किशनगंज तहसील में स्थित रामगढ़ बैराज और पार्वती नदी पर मांगरोल एवं किशनगंज तहसील में स्थित महलपुर बैराज के कार्यों के लिए भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही अंतिम चरण में है। श्री रावत ने बताया कि परियोजना के कार्यों के लिए आठ गांवों की लगभग 168 हेक्टेयर भूमि की अवाप्ति अंतिम चरण में है। मुआवजा राशि का भुगतान भी नियमानुसार शीघ्र कर दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि वन्य भूमि प्रत्यावर्तन के लिए लगभग 1700 हेक्टेयर गैर वन भूमि आरक्षित की जा चुकी है। डूब क्षेत्र में स्थित गांवों के पुनर्वास किए जाने के लिए कार्यवाही प्रगतिरत है। इसके लिए बारां तहसील के कोयला गांव में 34 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि इन कार्यों को निश्चित समय सीमा में वर्ष 2028 से पूर्व ही पूर्ण कर लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि रामगढ़ बैराज से 138 एमसीएफटी जल पेयजल के लिए एवं महलपुर बैराज से 266 एमसीएफटी जल पेयजल के लिए एवं 353 एमसीएफटी जल औद्योगिक सहित स्थानीय आवश्यकताओं के लिए आरक्षित है।
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Sun, Apr 13 , 2025, 09:27 PM