यह शाकाहारी मगरमच्छ है विष्णु मंदिर का 'रक्षक'; पुनर्जन्म की बात क्यों होती है?

Fri, Mar 28 , 2025, 12:52 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

भारत में कई ऐसे धार्मिक स्थान हैं जहां चमत्कार और रहस्य छिपे हुए हैं। केरल (keral) के कासरगोड स्थित (Kasargod in Located ) श्री अनंथपद्मनाभ स्वामी मंदिर (Sri Ananthapadmanabha Swamy Temple) में बबिया नामक मगरमच्छ की एक अद्भुत और अनोखी कहानी है। दशकों से मंदिर (mandir) की नदी में एक मगरमच्छ रहता है और वह पूरी तरह से शाकाहारी है। इतना ही नहीं, यह भक्तों के लिए आस्था और भक्ति का प्रतीक है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस मगरमच्छ (Crocodile) की मौत (death) के एक साल बाद झील में फिर से एक शाकाहारी मछली (Vegetarian fish) दिखाई दी।

शाकाहारी मगरमच्छ आस्था का प्रतीक है

मगरमच्छ अपने आक्रामक स्वभाव और मांसाहारी  स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। हालाँकि, बबिया ने इन सब बातों से इनकार किया है। मगरमच्छ ने अब तक झील में किसी भी जीव को नुकसान नहीं पहुंचाया है। मगरमच्छ केवल मंदिर द्वारा दिया जाने वाला प्रसाद, चावल और गुड़ ही खाता है। भक्तों का कहना है कि बबिया मंदिर का संरक्षक था। उनकी उपस्थिति किसी दैवीय संकेत से कम नहीं है।

बबिया की रहस्यमय कहानी

मंदिर से जुड़ी एक किंवदंती के अनुसार, 1945 में एक ब्रिटिश सैनिक ने मंदिर के तालाब में एक मगरमच्छ को गोली मार दी थी। लेकिन कुछ दिनों के बाद झील में एक और मगरमच्छ दिखाई दिया। जिसके बाद उसका नाम बबिया रखा गया। इस घटना के बाद से भक्त इसे दैवीय कृपा और मंदिर का आध्यात्मिक रक्षक मानने लगे।

इस तरह मैंने अलविदा कहा

बबिया का अक्टूबर 2022 में 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया। बबिया की तबीयत खराब हो गई है, इसलिए उन्हें मंगलुरु के पिलिकुला बायोलॉजिकल पार्क ले जाया जाएगा। जहां उसकी मृत्यु हो गई। बबिया का अंतिम संस्कार मंदिर में पूरे सम्मान के साथ किया गया। जिसमें नेता और आम लोग भी शामिल हैं।

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