भारतीय जेल भेजा जाना मौत की सजा के समान है...! आखिर ऐसा क्यों कहा तहव्वुर राणा ने? अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने दिया करारा झटका

Fri, Mar 07 , 2025, 01:00 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

नई दिल्ली: अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट (US Supreme Court) ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले (terror attack) के आरोपी तहव्वुर राणा को बड़ा झटका दिया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) की याचिका खारिज कर दी। इससे उन्हें भारत लाने का रास्ता साफ हो गया। किस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा ने भारत प्रत्यर्पण का विरोध (Opposition to extradition to India) करते हुए अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें दावा किया गया कि भारत को प्रत्यर्पित करना अमेरिकी कानून और यातना के विरुद्ध संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन का उल्लंघन होगा। उन्होंने आशंका व्यक्त की कि यदि उन्हें भारत प्रत्यर्पित किया गया तो उन पर अत्याचार किया जाएगा। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलीलों में कहा है कि पाकिस्तानी मूल के होने के कारण उनकी जान को गंभीर खतरा है। गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण भारतीय जेल भेजा जाना मौत की सजा के समान है। राणा ने अपनी पिछली याचिका में कहा था कि उसे मूत्राशय कैंसर, किडनी रोग, अस्थमा और पार्किंसंस रोग जैसी विभिन्न बीमारियाँ हैं।(26 November 2008 Mumbai terror attack)

भारत में तहव्वुर राणा के खिलाफ होगी कार्रवाई 
 मुंबई हमला मामले में विशेष सरकारी वकील के तौर पर काम कर चुके उज्ज्वल निकम ने हाल ही में संभावना जताई थी कि तहव्वुर राणा को भारत लाए जाने के बाद उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि तहव्वुर राणा से पूछताछ के बाद और भी खुलासे होने की संभावना है। मुंबई हमलों में पाकिस्तान की प्रत्यक्ष संलिप्तता सामने आने के बाद से दोनों देशों के बीच संबंध खराब हो गए हैं।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले महीने पदभार संभालते ही राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी थी। ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी देने की घोषणा की। प्रत्यर्पण की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा था कि वह एक बेहद हिंसक व्यक्ति को तुरंत भारत को सौंप रहे हैं। तहव्वुर राणा कौन है? तहव्वुर राणा पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LET) आतंकवादियों द्वारा 2008 में किए गए मुंबई आतंकवादी हमलों में शामिल था। इसलिए भारत सरकार उसे देश लाने पर अड़ी हुई है। मुंबई पर आठ आतंकवादियों द्वारा किये गए हमले में 174 से अधिक लोग मारे गए थे। मृतकों में अमेरिकी नागरिक भी शामिल हैं। राणा पर लश्कर-ए-तैयबा को सैन्य सहायता उपलब्ध कराने का आरोप है। इस मामले में उन्हें एक अमेरिकी अदालत ने दोषी ठहराया है। मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड राणा को साजिश की पहले से ही जानकारी थी। सारी योजना उसकी आंखों के सामने बनाई गई थी। उन्होंने पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में भी काम किया है। डेविड कोलमैन हेडली भी एक पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी और मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड है।

 

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