विकास के साथ विरासत का संरक्षण हमारा ध्येय-भजनलाल!

Tue, Mar 04 , 2025, 10:10 PM

Source : Uni India

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajanlal Sharma) ने विकास के साथ विरासत का संरक्षण राज्य सरकार का ध्येय बताते हुए कहा है कि हमारे सांस्कृतिक(cultural) , धार्मिक और ऐतिहासिक (historical) स्थल हमारी प्राचीन विरासत का महत्वपूर्ण अंग है और सरकार इस गौरवशाली विरासत के संरक्षण और विकास के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य कर रही है।

शर्मा मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास पर प्रदेश के विभिन्न धार्मिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। हमारे आस्था स्थलों का संरक्षण कर हम पर्यटन क्षेत्र को भी विकसित कर सकते हैं। इससे बड़ी संख्या में रोजगार का भी सृजन होगा। उन्होंने कहा कि विकास के साथ विरासत का संरक्षण हमारा ध्येय है और इस पर कार्य करते हुए हम आस्था धामों के विकास के लिए कार्य कर रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न मंदिरों के जीर्णोद्धार और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को राजस्थान की गौरवशाली ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक विरासत से रूबरू कराया जाना आवश्यक है। इसके लिए स्कूली विद्यार्थियों को प्रसिद्ध स्मारकों एवं ऐतिहासिक स्थलों की नियमित यात्राएं करवाई जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि संकल्प पत्र में ब्रज चौरासी सर्किट को भक्ति पर्यटन के रूप में विकसित किए जाने की घोषणा की गई थी। इसके लिए ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा मार्ग पर पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परिक्रमा मार्ग सहित पूंछरी का लोठा डीग के विकास कार्यों को भी गति दी जाए। उन्होंने श्री गोकुल जाट पेनोरमा, राजा खेमकरण पेनोरमा, देव बाबा पेनोरमा, गोविन्द स्वामी पेनोरमा के निर्माण के लिए सभी प्रक्रियाओं को शीघ्र पूरा कर कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।


शर्मा ने अधिकारियों को जैसलमेर स्थित तनोट माता मन्दिर में विकास कार्य कराने तथा वहां आने वाले श्रद्धालुओं के ठहरने की उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गिरदुवाला, ग्राम कुलधरा एवं लोंगेवाला की जैसलमेर और तनोट से कनेक्टिविटी बेहतर करने के साथ ही यहां पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जयपुर के पास स्थित सांभर लेक क्षेत्र भी गुजरात के रण क्षेत्र की तरह महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बन सकता है। यहां होने वाले सांभर फेस्टिवल में बड़ी संख्या में देशी-विदेशी सैलानी हिस्सा लेते हैं। उन्होंने कहा कि यहां पर्यटकों के लिए और अधिक सुविधाएं विकसित कर इसका पर्याप्त प्रचार-प्रसार किया जाए। श्री शर्मा ने कहा कि पिछले दिनों प्रयागराज में हुई मंत्रिपरिषद् की बैठक में राज्य के बाहर स्थित मन्दिरों के जीर्णोद्धार का निर्णय लिया गया था। उन्होंने देवस्थान विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे मंदिरों का सर्वे करवाते हुए इनकी वास्तविक संख्या पता कर इन्हें सूचीबद्ध किया जाए।

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