युवा गायकों के लिए “मेहनत और रियाज” ही सफलता का मूलमंत्र : मालिनी अवस्थी

Fri, Feb 28 , 2025, 11:30 AM

Source : Uni India

नयी दिल्ली। भारतीय संस्कृति (Indian culture) में लोकगीतों की अनमोल धरोहर का संरक्षण-संवर्धन कर रहीं प्रसिद्ध लोक गायिका (Famous folk singer) मालिनी अवस्थी (Malini Awasthi) ने गीत-संगीत क्षेत्र में कदम रखने वाले युवाओं के लिए मेहनत और रियाज को सफलता का मूलमंत्र बताया है। श्रीमती अवस्थी ने यहां यूनीवार्ता से बातचीत में युवा गायकों के लिए ‘स्वान्त: सुखाय’ के महत्व को भी रेखांकित करते हुए कहा कि उन्हें वही करना चाहिए जो उन्हें खुद को खुशी देता हो। लोक गायिका ने कहा, “ आप जो कर रहे हैं अगर वह आपको खुशी देता है तो आपके दर्शकों को भी आनंदित करेगा, खुशी और सुकून देगा। ”

अपने मधुर स्वर के साथ वधी, भोजपुरी और बुंदेली लोकगीतों (Bhojpuri and Bundelkhandi folk songs) के असंख्य श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करने वाली गयिका ने बातचीत में गीत-संगीत के क्षेत्र में स्थान बनाने का प्रयास कर रहे युवाओं के लिए मेहनत और साधना के महत्व पर बल देते हुए कहा, “मेहनत और रियाज इन दोनों का कोई तोड़ नहीं है, हम लोग अपने उस्तादों से गुरुओं से यहीं सुनते हुये बड़े हुए हैं कि रियाज करो, मेहनत करो! अगर मेहनत है और रियाज है तो ऊपर वाला आपके लिए रास्ता खोलता है।”

पद्म श्री (2016) में तथा ठुमरी और कजरी की प्रस्तुति में बेजोड़ मालिनी अवस्थी पिछले दिनों राजधानी में जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव में भाग लेने आयी थीं। उन्होंने बातचीत में कहा, “मैं जो भी गाती हूं क्योंकि खुद को अच्छा लगता है और मैं आंनद महसूस कर रही हूं तो मेरे दर्शक आंनद ले पाते हैं लेकिन आज दिक्कत हो रही है कि लोगों का मकसद अलग है। वे अपने क्षेत्र में कदम रखते ही रियलिटी शो में या फिल्म में जाना चाहते हैं।”

उन्होंने कहा,‘‘ जब आपकी इस तरह की मंजिलें होती हैं तो जाहिर है आपका सफर भी उसी तरह का होगा। वहां पर आपके हुनर से ज्यादा, आप की तकदीर काम देती है... पर हमने तो अपने अपने उस्तादों और गुरुओं से जो सीखा है वो है... मेहनत , मेहनत और मेहनत!”मालिनी अवस्थी ने कहा, “संगीत घराने में कदम रखने वाले युवा गायकों को एक ही सुझाव देना चाहूंगी कि वे नाम कमाने या पैसा कमाने के लिए नहीं गाएं बल्कि जो भी गाएं दिल से गाएं, तभी सफल होंगे।” यह पूछे जाने पर कि आप फुर्सत के समय को कैसे बिताती है तो उनका जवाब था, “ जब मैं खुद के साथ समय बिताती हूं तो पुरानी ठुमरी सुनना पसंद करती हूं और बनारस घराने के गायकों को सुनती है। इसके अलावा, फिल्मी गीत में लता मंगेशकर के गानों को सुनना पसंद करती हूं।“

भोजपुरी गीतों की छांव में बैठकर आनंद लेते दर्शकों की बड़ी तादाद को देख कर मालिनी अवस्थी ने स्वयं कहा, “ सुना है 'सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स' आ जाने से दर्शकों ने ‘खुले रंगमंच’ में जाना छोड़ दिया है लेकिन यहां पर भारी संख्या में दर्शकों को देखकर ये गलतफहमी दूर हो गयी कि कई सोशल प्लेटफार्म आ जाने के बावजूद, दर्शक ‘खुले रंगमंच’ पर जाना पसंद करते हैं ।” उन्होंने कहा कि लोगों में ‘खुले रंगमंच’ में बैठकर संगीत सुनना सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने की उत्सुकता अभी भी बरकरार है जिससे हम कलाकारों को हिम्मत मिलती है। इससे हमारा भी गाने का उत्साह बरकरार रहता है।”

उन्होंने कहा, “ श्रोताओं की तालियों की गड़गड़ाहट के बीच गाने-बजाने की बात ही कुछ और होती है। उनकी तालियां हम कलाकारों को ऊर्जा, साहस और जीवंतता से भर देती हैं, जो कलाकार की पूंजी और पूजा है। भोजपुरी गीतों से अपनी पहचान बनाने वाली लोक गायिका मालिनी अवस्थी के गीत भारतीय संस्कृति की गहरी समझ और श्रद्धा को दर्शाता है। संगीत घराने में उनका यह योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups