सर्दियों के दौरान शीत निद्रा में रहने वाले सांप गर्मियां शुरू होते ही अपने बिलों से बाहर निकलने लगते हैं। विभिन्न स्थानों पर सांप दिखने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। ऐसी स्थिति में सांप काटने की घटनाएं भी बढ़ जाएंगी। सांप के काटने पर कई लोग जादू-टोना करने लगते हैं। इसलिए, कुछ लोग अस्पताल जाए बिना पारंपरिक तरीके से इलाज शुरू कर देते हैं।
कुछ लोग उस स्थान को काट देते हैं जहां सांप ने काटा है, जबकि अन्य लोग काटे गए स्थान पर पट्टी बांध देते हैं। लेकिन, ये सभी तरीके अब पुराने हो चुके हैं। नये युग में अद्यतन रहें। यदि सांप काट ले तो घाव को काटें नहीं, जहर को मुंह में न चूसें, तथा घाव पर कसकर पट्टी न बांधें। इसके बजाय आधुनिक तरीके से इलाज करें, ताकि मरीज आसानी से अस्पताल पहुंच सके।
जमशेदपुर एमजीएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी ने कुछ खास टिप्स दिए हैं। उन्होंने कहा कि सांप के काटने पर घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि धैर्य और उचित उपायों से स्थिति को संभाला जा सकता है। हर साँप जहरीला नहीं होता और साँप के काटने से तत्काल मृत्यु नहीं होती।
साँप के काटने पर सबसे पहले क्या करना चाहिए?
घबराएं नहीं, शांत रहें: सांप के काटने के बाद मरीज को घबराने की जरूरत नहीं है। अत्यधिक डरने या भागने से जहर तेजी से पूरे शरीर में फैल सकता है।
घाव को साबुन और पानी से धोएं: सांप के काटने वाले स्थान को बहते पानी से अच्छी तरह धोएं। यदि साबुन उपलब्ध हो तो उसे भी लगाएं। इससे जहर की मात्रा कुछ हद तक कम हो सकती है।
घाव के आसपास ये चीजें न करें: घाव को काटने, मुंह से जहर चूसने या घाव के आसपास कसकर लपेटने जैसे कोई भी घरेलू उपचार न करें। इससे स्थिति और खराब हो सकती है।
अपने शरीर को अधिक न हिलाएं: जिस स्थान पर सांप ने काटा है, वहां अधिक न हिलाएं। इससे जहर तेजी से पूरे शरीर में फैल सकता है। विष के फैलाव को धीमा करने के लिए प्रभावित क्षेत्र को हृदय के स्तर से नीचे रखने का प्रयास करें।
प्रभावित क्षेत्र को हल्के कपड़े से ढकें: सांप के काटने वाले क्षेत्र पर हल्का कपड़ा या पट्टी ढ़ीली बांधी जा सकती है, लेकिन इसे बहुत कसकर नहीं बांधना चाहिए। इससे रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है।
नजदीकी अस्पताल पहुंचें: सांप के काटने के बाद बिना समय बर्बाद किए तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल जाएं। यहां तक कि गांवों या दूरदराज के इलाकों में भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विष-रोधी इंजेक्शन उपलब्ध हैं, जो विष को बेअसर कर सकते हैं।
जादू-टोना या टोना-टोटका न करें: सांप के काटने पर कई लोग जादू-टोना या टोना-टोटका का सहारा लेते हैं, जिससे मरीज की हालत और खराब हो सकती है। डॉक्टरों के अनुसार यह पूरी तरह गलत और खतरनाक है।
यदि आपको साँप काट ले तो क्या नहीं करना चाहिए?
घाव को चाकू या ब्लेड से न काटें।
मुंह से जहर निकालने की कोशिश न करें।
घाव पर कोई भी रसायन, पाउडर या घरेलू उपचार न लगाएं।
अपनी मर्जी से कोई दवा न लें, डॉक्टर की सलाह से ही इलाज कराएं।
मरीज को ज्यादा दौड़ने न दें।
साँप के काटने के बाद शीघ्र उपचार क्यों लेना चाहिए?
साँपों की कई प्रजातियाँ विषैली होती हैं, जिनका विष तंत्रिकाओं, रक्त और मांसपेशियों को नुकसान पहुंचा सकता है। यदि समय पर इलाज न किया जाए तो जहर पूरे शरीर में फैल सकता है और गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए सांप के काटने के बाद एकमात्र उपाय यह है कि तुरंत अस्पताल जाएं और एंटीवेनम इंजेक्शन लगवाएं।
यह जानना महत्वपूर्ण है...
डॉ.नकुल प्रसाद चौधरी के अनुसार, अगर सही समय पर उचित उपचार मिल जाए तो सांप के काटने से जान बच सकती है। इसलिए जागरूक रहें, जानकारी रखें और किसी भी अफवाह या अंधविश्वास का शिकार न बनें। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एमजीएम में सांप के काटने की जांच की सुविधा खुलने वाली है। इससे यह पता लगाना आसान हो जाता है कि सांप के काटने के बाद जहर कितना फैला है और इसका इलाज कैसे किया जाए।
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Thu, Feb 27 , 2025, 08:30 AM