Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य द्वारा लिखित एक लोकप्रिय पुस्तक है। यह आचार-विचार न केवल विभिन्न विषयों पर सलाह प्रदान करता है, बल्कि उचित मार्गदर्शन भी प्रदान करता है। आचार्य चाणक्य की नीति व्यक्तिगत, सामाजिक और राजनीतिक जीवन के लिए व्यापक मार्गदर्शन प्रदान करती है।
चाणक्य के नीति शास्त्र में कई महत्वपूर्ण सिद्धांत और रणनीतियाँ हैं जो व्यक्ति को सफलता की ओर मार्गदर्शन करती हैं। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में व्यक्ति की कुछ आदतों का जिक्र किया है, जिनके कारण व्यक्ति धीरे-धीरे गरीब होता चला जाता है। इसीलिए इन पांच बुरी आदतों को छोड़ देना चाहिए। आइये जानें कि वे बुरी आदतें क्या हैं।
आलस्य
पहली बुरी चीज है आलस्य। चाणक्य नीति कहती है कि आलस्य एक बुरी आदत है, जो व्यक्ति को काम में सफल नहीं होने देती। यदि आप जीवन में सफल होना चाहते हैं तो सबसे पहले आलस्य त्यागें।
सूर्यास्त के बाद सोना
चाणक्य के अनुसार जो लोग शाम को सूर्यास्त के बाद सोते हैं वे हमेशा गरीब रहते हैं। इस समय सोने वालों पर देवी लक्ष्मी कभी कृपा नहीं करतीं। इसलिए सूर्यास्त के समय भूलकर भी नहीं सोना चाहिए।
अस्वच्छ वातावरण
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो लोग अस्वच्छ जीवन जीते हैं और साफ कपड़े नहीं पहनते हैं या अपने आसपास अस्वच्छ वातावरण रखते हैं, वे हमेशा गरीबी का जीवन जीते हैं। इसलिए इन बुरी आदतों को छोड़ देना चाहिए।
अत्यधिक व्यय
अनुचित खर्च व्यक्ति को गरीब बना सकता है। आप तभी सफल होंगे जब आप अपनी आय के अनुसार अपने खर्चों पर नियंत्रण रखेंगे। इसलिए अपने खर्चों की योजना बनाएं, अपनी ज़रूरतों को पहचानें और समझदारी से खर्च करें।
कटु-भाषी लोग
चाणक्य कहते हैं कि जो लोग बहुत कठोर या कड़वा बोलते हैं। यहां तक कि मां लक्ष्मी भी उनसे कभी प्रसन्न नहीं होतीं। इसीलिए कड़वा बोलने की आदत को तुरंत त्याग देना चाहिए और हमेशा मीठा बोलना चाहिए। कड़वी वाणी रिश्तों को बर्बाद कर देती है और व्यक्ति को गरीब बना देती है।
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Mon, Feb 03 , 2025, 09:45 AM