Guillain Barre Syndrome : पुणे में गिलियन बैरे सिंड्रोम (Guillain Barre Syndrome) का प्रकोप हुआ है। दिलचस्प बात यह है कि पुणे जैसा प्रकोप कहीं और नहीं फैला है। इस प्रकोप के बाद, पुणे नगर निगम जागा है और उसने पानी के नमूनों की जांच शुरू कर दी है। तदनुसार, पुणे स्थित आरओ प्लांट का पानी दूषित पाया गया है। इस पानी में ई। कोली सहित कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की उपस्थिति सकारात्मक पाई गई। इससे पुणे के लोग सदमे में हैं और पूछ रहे हैं कि पानी कहां पिएं? अब प्रश्न यही है।
पुणे में जीबीएस प्रकोप के बाद नगर निगम ने पानी के नमूनों की जांच शुरू कर दी है। तदनुसार, आरओ प्लांट द्वारा शहर में वितरित किये जाने वाले पानी का निरीक्षण किया गया। जांच में पाया गया कि 20 निजी तौर पर संचालित रिवर्स ऑस्मोसिस (RO) संयंत्रों के पानी के नमूने, जिन्हें सुरक्षित पेयजल का प्राथमिक स्रोत माना जाता है, दूषित थे। इसके अलावा, जीबीएस प्रभावित क्षेत्रों में जार और कंटेनरों से एकत्रित आरओ पानी में ई. कोली पाया गया। अधिकारियों ने कहा है कि ई. कोलाई सहित कोलीफॉर्म बैक्टीरिया का पता चला है। इसलिए यह स्पष्ट हो रहा है कि पुणे का आरओसी का पानी भी पीने योग्य नहीं है।
इस बीच, 28 जनवरी को धायरी, नांदेड़ शहर, सिंहगढ़ रोड और शिवने से दूषित आरओ पानी के नमूने एकत्र किए गए और पार्वती स्थित पीएमसी प्रयोगशाला में जांच की गई, जिसमें पुष्टि हुई कि वे पीने योग्य नहीं थे। दरअसल, आरओ पानी सुरक्षित और पीने योग्य माना जाता है। कई निवासी और व्यवसायी पीने के लिए उत्साहपूर्वक आरओ का उपयोग करते हैं। इसके अलावा, निजी केंद्रों से प्राप्त आरओ पानी का उपयोग घरों, भोजनालयों, दुकानों, विवाह हॉल और रेस्तरां में व्यापक रूप से किया जाता है। लेकिन आरओ पानी की रिपोर्ट देखकर वे हैरान रह गए।
आरओ संयंत्रों को नोटिस जारी!
यह चौंकाने वाली बात है कि आरओ पानी के नमूने भी दूषित हैं। नगर निगम इन आरओ वाटर प्लांटों को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। उनसे सुरक्षा नियमों का पालन करने अथवा अपना काम तुरंत बंद करने को कहा जाएगा। पीएमसी जल आपूर्ति विभाग के प्रमुख नंदकिशोर जगताप ने कहा कि जब तक आगे के परीक्षण से यह पुष्टि नहीं हो जाती कि पानी पीने के लिए सुरक्षित है, तब तक वे इसे नहीं बेच सकते।
यहां तक कि पुणे में टैंकरों से आने वाला पानी भी दूषित है!
आरओ प्लांटों के अलावा, जीबीएस प्रभावित क्षेत्रों जैसे धायरी, सिंहगढ़ रोड, धायरी गावथन, नांदेड़ शहर, सनस स्कूल पंपिंग स्टेशन, मालवाड़ी और शिव नगर में आपूर्ति करने वाले 15 निजी टैंकरों के नमूने भी दूषित पाए गए। 28 जनवरी को परीक्षण किये गये इन नमूनों में कोलीफार्म और ई. अधिकारियों ने पुष्टि की है कि इसमें ई. कोली बैक्टीरिया है। अब निजी टैंकर चालकों को नोटिस जारी किया गया है।
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Sun, Feb 02 , 2025, 09:01 PM