Insomnia: क्या आपको ठंडी में नींद नहीं आती है? यदि आपकी दिनचर्या बदल गई है, तो सावधान हो जाइए! आप सोने के लिए क्या करेंगे?

Fri, Jan 24 , 2025, 09:30 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

जैसे-जैसे मौसम बदलता है, वैसे-वैसे व्यक्ति की दिनचर्या भी बदल जाती है। ठंड के दिनों में टहलना, व्यायाम करना या धूप में रहना कम होता है, जिससे व्यक्ति की नींद प्रभावित होती है। इसे शीतकालीन अनिद्रा कहा जाता है। यद्यपि आजकल अधिकतर लोग अनिद्रा से जूझ रहे हैं, लेकिन सर्दियों में यह रोग बढ़ जाता है। इस पर ध्यान देना और नींद में सुधार करना बहुत जरूरी है।

सर्दियों में अनिद्रा क्यों होती है?
पारस अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन के डॉ. संजय गुप्ता कहते हैं कि सर्दियों में नींद न आने के कई कारण होते हैं। पहला कारण है सूर्य की कम रोशनी। हमारे शरीर में एक सर्केडियन लय होती है, जिसे जैविक घड़ी भी कहा जाता है। यह सूर्य के प्रकाश, मौसम और वातावरण के अनुसार काम करता है। सर्दियों में कोहरे के कारण सूर्य दिखाई नहीं देता। वहां प्रकाश कम होता है, जिससे सर्केडियन लय प्रभावित होती है। शरीर दिन और रात में अंतर नहीं कर पाता और इससे व्यक्ति समय पर सो नहीं पाता तथा सुबह जल्दी नहीं उठ पाता।

प्राकृतिक प्रकाश की कमी या उसके न होने से शरीर में सेरोटोनिन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है, जिससे व्यक्ति का मूड बदल जाता है और वह मौसमी उत्तेजित विकार का शिकार हो जाता है। सर्दियों में अक्सर लोग आलस के कारण सुबह की सैर या व्यायाम नहीं कर पाते, जिससे शारीरिक गतिविधियां कम हो जाती हैं। वे घर से कम निकलते हैं और सारा दिन ऑफिस में बैठे रहते हैं, जिससे शरीर निष्क्रिय रहता है। जब कोई गतिविधि नहीं होती है, तो शरीर थका हुआ महसूस नहीं करता है, जिससे आप रात में जल्दी सो नहीं पाते हैं।

ठंडे तापमान से फर्क पड़ता है
इस मौसम में तापमान कम होता है और जब व्यक्ति रात में सोने की कोशिश करता है तो शरीर का तापमान स्वतः ही 1 से 2 डिग्री सेल्सियस कम हो जाता है, जिससे नींद में खलल पड़ता है। ठण्डे दिनों में अच्छी नींद के लिए कमरे का तापमान थोड़ा गर्म होना चाहिए। इससे शरीर को आराम महसूस होता है। इस तरह नींद जल्दी और अच्छी आती है।

प्रदूषण भी एक कारण
सर्दियों के दौरान उत्तर भारत में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। कई स्थानों पर लोग ठंड से बचने के लिए आग जलाते हैं और ठंडा तापमान धूल के कणों को भी नीचे रखता है। ऐसे में यह प्रदूषण नींद में खलल डाल सकता है। क्योंकि शरीर को ताजी और स्वच्छ हवा नहीं मिल पाती।

शुष्क हवा और एलर्जी भी नींद की समस्या पैदा करती हैं
ठंड के दिनों में कमरे को गर्म रखने के लिए रूम हीटर या ब्लोअर का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इससे हवा शुष्क हो जाती है और जब यह नाक के माध्यम से गले तक पहुंचती है तो सांस लेने में कठिनाई होती है। यह स्थिति और भी खतरनाक हो सकती है यदि किसी को स्लीप एप्निया या खर्राटे लेने की आदत हो। इसी प्रकार, सर्दियों के मौसम में आर्द्रता के कारण धूल के कण, फफूंद और फफूंदी की मात्रा बढ़ जाती है। ये एलर्जी पैदा करने वाले एजेंट श्वसन तंत्र को प्रभावित करते हैं, जिससे खांसी या छींक आती है। इससे नींद की गुणवत्ता भी कम हो जाती है।

मौसमी भावात्मक विकार के परिणाम
सर्दियों में दिन छोटे और रातें लंबी होती हैं, जिसका असर मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस मौसम में कुछ लोग मौसमी भावात्मक विकार (सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर) के शिकार हो जाते हैं, जिसके कारण वे उदास महसूस करते हैं। वे अकेलेपन और चिंता का शिकार हो जाते हैं। जब उदासी उन्हें घेर लेती है तो उन्हें रात को सोने में भी परेशानी होती है। लेकिन जब सर्दी खत्म हो जाती है तो यह विकार भी ठीक हो जाता है।

इस तरह आप अच्छी नींद पा सकते हैं
अच्छी नींद के लिए धूप में बैठना बहुत जरूरी है। धूप में बैठने से शरीर की दैनिक लय ठीक से काम करने में मदद मिलती है। पूरे दिन जितना संभव हो सके प्राकृतिक प्रकाश में रहने का प्रयास करें। यदि आप बाहर नहीं जा सकते तो घर में खिड़की के पास बैठें जहां रोशनी हो। गर्मियों की तरह ही सर्दियों में भी शारीरिक सक्रियता बढ़ाने के लिए नियमित रूप से टहलना या व्यायाम करना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, ध्यान या अपनी पसंद का कोई शौक अपनाएं। इससे तनाव और चिंता कम होती है। कमरे का तापमान 15 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रखें और रूम हीटर बंद कर दें ताकि कमरे में नमी बनी रहे और सांस लेने में दिक्कत न हो।

ठंडे पानी से न नहाएं
कुछ लोग सर्दी और गर्मी में ठंडे पानी से नहाना पसंद करते हैं। सर्दियों में ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। हमेशा गर्म पानी से स्नान करें। वास्तव में, ठंडे पानी से स्नान करने से शरीर का तापमान कम हो जाता है और नींद की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। दूसरी ओर, ठंडे पानी से नहाने से शरीर के जोड़ सख्त हो जाते हैं, जिससे व्यक्ति को चलने-फिरने और रात में सोने में भी दिक्कत होती है।

अपने आहार पर ध्यान दें
बेहतर नींद के लिए अपने आहार में बदलाव करना बहुत महत्वपूर्ण है। सर्दियों में अक्सर लोग अधिक चाय और कॉफी पीने लगते हैं, जिससे शरीर में कैफीन की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे व्यक्ति अनिद्रा का शिकार हो जाता है। दोपहर के बाद हल्का भोजन करें। शाम को मेवे या केले खाएं, इससे आपको अच्छी नींद आएगी। हेल्थलाइन में प्रकाशित शोध के अनुसार, मीठा खाने से अनिद्रा की समस्या बढ़ जाती है। सोने से पहले मिठाई खाना अच्छा नहीं है। इसके अलावा तले-मसालेदार भोजन और जंक फूड से बचना चाहिए।

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups