Children weight management: किशोरावस्था में हृदय रोग का खतरा क्यों बढ़ रहा है? आपको ये कारण जानने चाहिए!

Tue, Jan 21 , 2025, 12:30 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Obesity: आजकल बच्चों में बहुत कम उम्र में ही मोटापे की समस्या देखी जा रही है। गतिहीन जीवनशैली और अस्वास्थ्यकर खान-पान की आदतों के कारण, मोटापे की आदतें आपके बच्चों के शरीर में बहुत सारे हार्मोनल परिवर्तन का कारण बनती हैं। बढ़ता वजन आपके शरीर में कई गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है। मोटापे के कारण आपके बच्चे आलसी हो जाते हैं। आलस्य आपके बच्चों को उनकी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने से रोकता है। बढ़ते वजन से आपके शरीर में मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएं पैदा होती हैं।

मोटापे के कारण आपके शरीर में अतिरिक्त वसा जमा हो जाती है। वसा बढ़ने से आपका शरीर भारी लगता है। अपने वजन को नियंत्रित करने के लिए अपने आहार पर विशेष ध्यान देना जरूरी है। अपने आहार में फाइबर, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का नियमित सेवन आपको स्वस्थ रहने में मदद करता है। वजन नियंत्रण बनाए रखने के लिए नियमित व्यायाम के साथ-साथ स्वस्थ आहार भी आवश्यक है। कई माता-पिता आश्चर्य करते हैं कि बच्चों में मोटापा क्यों बढ़ रहा है और इसे कैसे नियंत्रित किया जा सकता है? आइये पता करें।

आजकल के बच्चे घर में बने खाने की अपेक्षा जंक फूड अधिक खाते हैं। बाजार से अधिक मात्रा में प्रोसेस्ड फूड खाने से बच्चों के शरीर में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है। मोटापे के कारण आजकल बच्चों के शरीर में कई तरह की बीमारियाँ देखने को मिल रही हैं। मोटे बच्चों में टाइप-2 डायबिटीज की समस्या तेजी से बढ़ रही है। शरीर में मोटापा बढ़ने से बच्चों में उच्च रक्तचाप और हृदय रोग का खतरा बढ़ जाता है। असंतुलित आहार और खराब जीवनशैली के कारण बच्चों में हृदय संबंधी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। खराब खानपान के कारण बच्चे कम उम्र में ही उच्च कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप के शिकार हो जाते हैं। अनियमित आहार से भी बच्चों में दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों में मोटापे से अस्थमा और श्वास संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।

वजन बढ़ने से फेफड़ों पर दबाव बढ़ता है और सांस लेना मुश्किल हो जाता है। मोटापा बच्चों में मानसिक तनाव बढ़ाता है। मोटे बच्चे स्वयं को दूसरों से अलग समझते हैं, जिसके कारण वे अक्सर अकेलापन महसूस करते हैं। मोटे बच्चों में आत्मविश्वास कम होने लगता है, जिससे उनका मानसिक स्वास्थ्य खराब हो सकता है। मोटापा हड्डियों और जोड़ों पर अत्यधिक दबाव डालता है, जिससे कलाई, कोहनी और घुटनों सहित जोड़ों में दर्द हो सकता है। इसके कारण आपके शरीर में कई बीमारियां पनपती हैं और इसके कारण बच्चों को लंबे समय तक इलाज कराना पड़ता है।

अपना वजन नियंत्रित करने के लिए इन सुझावों का पालन करें:
बच्चों को जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और अधिक मीठे खाद्य पदार्थ खाने से बचना चाहिए।

बच्चों को अपने आहार में हरी सब्जियाँ, फल और दालें शामिल करनी चाहिए।

बच्चों को अपने आहार में स्वस्थ वसा युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

बच्चों को प्रतिदिन एक घंटा खेलना चाहिए या शारीरिक गतिविधि एवं व्यायाम करना चाहिए।

बच्चों को प्रतिदिन 8-10 घंटे की नींद लेनी चाहिए। पर्याप्त नींद शरीर का वजन संतुलित रखती है।

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