पुणे। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को कहा कि अनिश्चित वैश्विक परिवेश के बीच भारतीय अर्थव्यस्था (Indian economy) की मजबूती स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है और घरेलू अर्थव्यवस्था की विस्तृत और मजबूत बुनियाद, जनसंख्या का स्वरूप और घरेलू मांग पर निर्भरता से अर्थव्यस्था को बल मिलता है।
श्रीमती सीतारमण यहां बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra) के 91वें स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा "मज़बूत व्यापक आर्थिक बुनियाद, युवा आबादी और घरेलू माँग पर अधिक निर्भरता जैसे कई अनुकूल कारक भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक प्रभावों का सामना करने और उच्च संभावित गति से बढ़ने की मूल शक्ति प्रदान करते हैं।"
उन्होंने कहा कि कोविड के बाद भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से सुधरी है और इसमें 2021-22 से 2024-25 के दौरान लगभग आठ प्रतिशत वार्षिक दर से वृद्धि की हुयी है। आज भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है। उन्होंने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल-जून 2025-26 में भारत की जीडीपी में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद देश का आर्थिक जुझारूपन बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह मजबूती अनायास नहीं, बल्कि पिछले दशक में सक्रिय राजकोषीय और मौद्रिक नीतियों, साहसिक संरचनात्मक सुधारों, भौतिक और डिजिटल दोनों तरह के बुनियादी ढाँचे के बड़े पैमाने पर निर्माण तथा बेहतर शासन व्यवस्था का फल है और देश की प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता में वृद्धि दर्शाती है। उन्होंने वैश्विक रेटिंग एजेंसियों की ताजा रिपोर्टाे में भारत की वित्तीय साख को ऊंचा करने की घोषणाओं का भी उल्लेख किया और कहा कि एसएंडपी ने 18 वर्षों के बाद अगस्त में भारत की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को बीबीबी- से से बढ़ा कर 'बीबीबी' और इससे पहले मई ने मॉर्निंगस्टार डीबीआरएस ने देश की रेटिंग को बढ़ा कर बीबीबी (निम्न) से 'बीबीबी' कर दिया। हाल ही में, जापानी क्रेडिट रेटिंग एजेंसी, रेटिंग एंड इन्वेस्टमेंट इंफॉर्मेशन, इंक. (आरएंडआई) ने भारत की दीर्घकालिक सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को 'बीबीबी' से 'बीबीबी ' करने की घोषणा की है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अनिश्चितता वैश्विक परिदृश्य की परिभाषा बन गयी है और ऐसे में बैंकों की भूमिका का महत्व बढ़ जाता है क्योंकि वे न केवल बचत के संरक्षक के रूप में, बल्कि व्यवसायों और उद्यमियों को अस्थिरता से निपटने, अवसरों का लाभ उठाने और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक वित्त और सहायता प्रदान करते हुए विकास के इंजन के रूप में भी कार्य करते हैं। उन्होंने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के अधिकारियों से ग्राहक सेवा को शीर्ष प्राथमिकता पर रखने का सुझाव देते हुए कहा,'एक सिद्धांत जिसका पालन करना हम कभी नहीं भूल सकते, वह है ग्राहक विश्वास के मूल सिद्धांत का पालन करना, जो बैंकिंग का आधार है। प्रत्येक शिकायत को सुधार, नवाचार और विश्वास को सुदृढ़ करने के अवसर के रूप में देखा जाना चाहिए। शिकायत निवारण के साथ-साथ मूल कारण विश्लेषण, उत्पादों, प्रक्रियाओं और आचरण में व्यवस्थित सुधार, और यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता भी होनी चाहिए कि वही शिकायत दोबारा न उठे।"
श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि यूपीआई की सफलता दर्शाती है कि अंतर-संचालन क्षमता क्या हासिल कर सकती है। उन्होंने कहा कि हाल में आईएमएफ के एक के पेपर में भारत के यूनीफाइड भुगतान इंटरफेस (प्रणालियों के बीच परस्पर आदन-प्रदान) प्रणाली यूपीआई को दुनिया के लिए एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करते हुए इसकी परस्पर-आदान प्रदान करने योग योग्य डिज़ाइन की क्षमता की प्रशंसा की गयी है। वित्त मंत्री ने साथ में यह भी कहा, ' हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि केवल डिजिटलीकरण ही पर्याप्त नहीं है। ईमानदारी, सहानुभूति और मानवीय निर्णय के कोई विकल्प नहीं हैं ।" उन्होंने पूरे भारत में वित्तीय समावेशन को मज़बूत बनाने में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की भूमिका को उल्लेखनीय बताया जिसने अपने यहां 1.21 करोड़ जन धन खाते खोले है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में 55 लाख से ज़्यादा नामांकन, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 1.16 करोड़ नामांकन किये हैं और अटल पेंशन योजना के तहत 17.7 लाख ग्राहक जोड़े हैं।
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Thu, Sep 25 , 2025, 08:05 PM