geeta updesh: भारतीय दर्शन कालातीत है। देश में विभिन्न धर्मों, जातियों और संप्रदायों के नागरिक पूर्ण सद्भावना से रहते हैं। यह देखा जा सकता है कि हर धर्म में सिखाया गया दर्शन बहुत मूल्यवान है। देश के सभी कोनों से शोधकर्ता, विद्वान और विचारक भारतीय दर्शन (Indian Philosophy) का अध्ययन करने आते हैं। भगवद्गीता (Bhagavad Gita ) एक ऐसी पुस्तक है जिसे देश के कई प्रमुख धर्मग्रंथों में उच्च स्थान दिया गया है। गीता की शिक्षाएँ कालातीत हैं और आज भी कई लोग जानते हैं कि गीता का ज्ञान कितना अमूल्य, अमूल्य और अमूल्य है।
हजारों वर्ष बाद भी गीता के अध्ययन का महत्व, जिज्ञासा और सार्थकता कम होती नहीं दिखती। आज भी अनेक विचारक और दार्शनिक गीता पर शोध करते नजर आते हैं। देश भर में गीता पर कई अन्य ग्रंथ और टिप्पणियां लिखी गईं। कहा जाता है कि इससे गीता की महानता भी उजागर होती है। ऐसा प्रतीत होता है कि गीता कलियुग में भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। गीता की कुछ शिक्षाओं को सुखी और आनंदमय जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी बताया गया है। इस गीत में वास्तव में क्या कहा गया है? आइये जानें...
मैं अपने कर्तव्य में असफल हो सकता हूं!
अपने कर्मों के फल की इच्छा से हम दूसरों से संगति करते हैं।
अर्थ: आपका अधिकार केवल कार्य करना है। उसके फलों पर नहीं; इसलिए आपके कर्मों का उद्देश्य फल प्राप्त करना नहीं होना चाहिए; (परन्तु) तुम्हें किसी भी कार्य को न करने में आसक्त नहीं होना चाहिए।
इसका मतलब यह है कि व्यक्ति को भविष्य की चिंता करना छोड़ देना चाहिए और केवल वर्तमान में अपने कार्यों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वर्तमान में कड़ी मेहनत और लगन से काम करने से ही आप भविष्य में सफलता प्राप्त कर सकेंगे। अर्थात्, ऐसा कहा जाता है कि यदि आप अभी काम करते हैं, तो आप भविष्य में सुखी, संतुष्ट और आनंदमय जीवन जी सकते हैं।
किसी से नफरत मत करो!
न क्रोध, न घृणा, न दुःख, न इच्छा।
भक्त वह है जो शुभ को त्याग देता है, वह सबको प्रिय है।
अर्थ: ऐसा व्यक्ति जो कभी अति प्रसन्न नहीं होता, कभी घृणा नहीं करता, कभी शोक नहीं करता, और कभी इच्छा नहीं करता। वह सभी शुभ और अशुभ कर्मों का भी त्याग कर देता है। वह भक्त मुझे बहुत प्रिय है।
इसका मतलब यह है कि किसी कार्य के पूरा हो जाने पर व्यक्ति को अत्यधिक खुश नहीं होना चाहिए। इससे गलती होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा, किसी को किसी से नफरत या ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए क्योंकि उनका काम सफल रहा है। ऐसा कहा जाता है कि इसका उपयोग मानसिक शांति और खुशी बनाए रखने के लिए किया जा सकता है।
न ही मैं भगवान के मंदिर में जाता हूं, जो भगवान का भक्त है!
सभी क्रियाएं प्रकृति के कारण हैं।
अर्थ: इसमें कोई संदेह नहीं कि कोई भी मनुष्य किसी भी समय एक क्षण भी कोई कर्म किए बिना नहीं रह सकता। क्योंकि मनुष्य अपने स्वाभाविक गुणों के कारण कर्म करते रहने के लिए बाध्य है।
इसका अर्थ यह है कि पृथ्वी पर जन्म लेने के बाद व्यक्ति को कोई न कोई कार्य अवश्य करना पड़ता है। हर व्यक्ति में कुछ न कुछ अनोखा और विशेष होता है। अपनी प्रतिभा को पहचानना और उस पर काम करना उपयोगी है। आपको अपना पसंदीदा काम करने में आनंद आएगा और सफलता एवं प्रगति का मार्ग प्रशस्त हो सकता है। ऐसा कहा जाता है कि मनुष्य इसके विकल्प के रूप में खुशी और आनंद का अनुभव कर सकता है।
संयम और नियंत्रण आवश्यक है
मन इन्द्रियों के प्रति सजग रहता है।
इन्द्रिय-शक्ति से रहित मन झूठ बोलता है।
अर्थ: एक व्यक्ति सतही तौर पर अपनी इंद्रियों पर नियंत्रण रखने का दिखावा करता है। हालाँकि, यदि वह अपने मन में उनके बारे में चिंतन या विचार कर रहा है, तो उसे पाखंडी माना जाता है।
इसका अर्थ यह है कि जो व्यक्ति दिखावा करता है, उसे झूठा और धोखेबाज कहा जाता है। व्यक्ति को अपनी इन्द्रियों को नियंत्रित करने की कला में पूर्णतः निपुण होना चाहिए। इन्द्रियों पर नियंत्रण का अर्थ है अपेक्षाओं, आशाओं, इच्छाओं और आसक्तियों पर नियंत्रण पाना। कहा जाता है कि ऐसा करने से संतोष, सच्ची, शुद्ध खुशी का अनुभव संभव है।
विश्वास, धैर्य और भरोसा रखें!
यही बुद्ध के योग का सार है।
जो संशय में है, जो संशय में है, जो संशय में है।
अर्थ: जो व्यक्ति मेरे प्रभु के स्वरूप को और योगशक्ति के तत्त्व को जानता है, वह भक्तियोग में अचल हो जाता है। इसके बारे में कोई संदेह नहीं है।
इसका अर्थ है कि जो व्यक्ति ईश्वर की शक्ति को पूरे हृदय से स्वीकार करता है तथा उस परम सत्ता पर पूर्ण विश्वास रखता है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान कभी भी अपने साथ कुछ बुरा नहीं होने देते।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Wed, Dec 25 , 2024, 07:30 AM