Importance of Champa Shashthi : मार्गशीर्ष माह (Margashirsha month) के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को चंपाषष्ठी (Champashthi) के नाम से जाना जाता है। यह व्रत माता पार्वती और भगवान खंडोबा के पुत्र भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। खंडोबा को मार्तंड भैरव और भगवान शंकर के दूसरे रूप मल्हारी जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है।
मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान शिव की पूजा (Worship of Lord Shiva) की जाती है, जिसमें भगवान शंकर के मार्तण्ड स्वरूप की विशेष पूजा की जाती है। आइए जानते हैं 2024 में चंपाषष्ठी की तिथि, समय और महत्व।
चंपा षष्ठी शुभ मुहूर्त
उदया तिथि के अनुसार चंपा षष्ठी 7 दिसंबर शनिवार को मनाई जाएगी।
षष्ठी तिथि 6 दिसंबर 2024 को दोपहर 12:00 बजे शुरू होगी।
षष्ठी तिथि 8 दिसंबर 2024 को सुबह 11:05 बजे समाप्त होगी।
जेजुरी खंडोबा मंदिर में एक विशेष उत्सव होता है
यह उत्सव जेजुरी के खंडोबा मंदिर में बड़ी धूमधाम से आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर खंडोबा भगवान (Khandoba Bhagwan) को हल्दी, फल और सब्जियां अर्पित की जाती हैं। यहां मेला भी लगता है।
चंपाषष्ठी पर नागदिवा का महत्व
मार्गशीर्ष शुद्ध पंचमी को तीन शाम, घर में लोगों की संख्या से दोगुनी संख्या में, बाजरा नाग दीपक और देव मुत्तक, पुराण के 5 दीपक शुद्ध घी की बाती के साथ जलाकर भगवान को लहराने चाहिए। यदि संभव न हो तो तेल से बत्ती जलाकर जला लें।
चम्पाषष्ठी नैवेद्य
मार्गशीर्ष शुद्ध षष्ठी चम्पाषष्ठी मंदिर में सभी देवताओं का पंचामृत से अभिषेक करना चाहिए। भगवान को चैफी के फूल चढ़ाने चाहिए। घट पर फूलों की माला चढ़ानी चाहिए। दीपक जलाएं और भगवान को प्रणाम करें। पूरन के भोग के साथ बाजरे की रोटी, बैंगन की भारी, नया प्याज, दही चावल, नीबू, गाजर आदि का प्रसाद लगाना चाहिए।
वे प्लेटें क्यों उठाते हैं?
चंपाषष्ठी पर थाली भरना पारिवारिक परंपरा है, इसलिए घर-घर थाली उठाई जाती है। तम्हण में भंडारा फैलाएं और बीच में 5 विदा पत्ते, सुपारी, नारियल के टुकड़े और एक कटोरी भंडारा नारियल रखें। घाट उठाने और थाली को येलकोट येलकोट के रूप में 3 बार उठाने के लिए 5 लड़कों या पुरुषों को बुलाया जाना चाहिए। उसके बाद ताली भंडारा करना चाहिए और दिव्ति बुधला जलाना चाहिए।
चम्पाषष्ठी का महत्व
इस दिन भगवान मार्तंड और सूर्य की विशेष पूजा की जाती है। सूर्योदय से पहले स्नान करके सूर्य देव की पूजा की जाती है। इस समय शिव का ध्यान भी किया जाता है और शिव लिंग की पूजा की जाती है, जिसमें दूध और गंगा जल चढ़ाया जाता है। भगवान को चंपा के फूल चढ़ाने की परंपरा है। इस दिन जमीन पर सोने का भी महत्व है। मान्यता है कि इस दिन की गई पूजा और व्रत से पापों का नाश होता है, परेशानियां दूर होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है। चम्पाषष्ठी के संबंध में विभिन्न मत प्रचलित हैं।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Thu, Dec 05 , 2024, 09:06 PM